फोटो :फाइल फोटो
जयपुर , 12 फरवरी 2024
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव की सुबाहत होने लगी है । जहाँ बीजेपी - कांग्रेस इसको लेकर रणनीति बनाने में जुट गयी है तो छोटे दल भी सक्रिय हो गये है । बात जब लोकसभा चुनाव की आती है तो यह मुख्य रूप से दो गठबंधनो के बीच लड़ा जाता है । हालंकि तीसरा मौर्चा भी सक्रिय रहता है । लेकिन मुख्य रूप से UPA और NDA गठबंधन के मध्य ही चुनाव लड़ा जाता है ।
वही बात लोकसभा चुनाव 2024 की करे तो यह कांग्रेस नीत I.N,D.I.A और भाजपा नीत NDA गठबंधन के मध्य लड़ा जायेगा । चुनाव से पूर्व छोटे दल अपने हिसाब से I.N,D.I.A और NDA में शामिल हो रहे है । अब आप पूछेंगे कि भला जब दल ही अलग है तो लोग इन दो गठंधन में क्यों शामिल हो रहे है । इसके लिये आपको बता दे कि गठबंधन करके चुनाव लड़ने से ये फायदा होता है कि जिस गठबंधन में आप शामिल है , चुनाव के समय में उड़ गठबंधन में शामिल दल आपके सामने अपना उम्मीदवार नही उतारेंगे ।इससे मतों का विखराव नही होगा ।
अब इसी को लेकर प्रदेश में चर्चा है कि राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी एक बार फिर से भाजपा के साथ गठबंधन करने जा रही है ।अब इसकी कितनी संभावनाए है इसे भविष्य में ही कहा जा सकेगा क्योंकि चर्चा तो I.N,D.I.A गठबंधन में भी जाने की है । राजनितिक रणनितिकारो का मानना है कि बीजेपी ने ज्योति मिर्था को नागौर से लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए ही बीजेपी ज्वाइन करवाई थी । ऐसे में आरएलपी के लिए तो नागौर गढ़ है , आरएलपी गठबंधन करेगी तो नागौर से ही ।
वही बात हनुमान बेनीवाल की करे तो बेनीवाल की राह भी बीजेपी के बिना आसान नही । दूसरी तरफ आरएलपी भी तीन सीट से एक विधानसभा सीट पर सिमट कर रह गयी है । अगर आरएलपी को जनाधार बढ़ाना है तो किसी एक के साथ तो गठबंधन करना ही पड़ेगा ।
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