फोटो : फाइल फोटो
जयपुर , 10 अगस्त 2025
रिपोर्ट : एडिटर
राजस्थान में स्मार्ट मीटर का टेंडर एक ब्लैकलिस्ट कम्पनी को देने पर राज्य सरकार घिर गई है । राजस्थान में स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर जिस कम्पनी को मिला है । उस कंपनी का नाम मैसर्स जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है जो गोवा में ब्लैक लिस्ट है । उसी कंपनी को राजस्थान सरकार ने टेंडर दे दिया।
टेंडर भी दो-चार करोड़ का नहीं, बल्कि 10 हजार करोड़ से ज्यादा का। लापरवाही के कारण ब्लैक लिस्ट होने के 23 दिन बाद ही मैसर्स जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को राजस्थान में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की जिम्मेदारी मिल गई।
उधर, मिडिया ने ऊर्जा मंत्री से सवाल किए तो मंत्री ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि कंपनी के ब्लैक लिस्ट होने की जानकारी विभाग को नहीं है। पिछली (कांग्रेस) सरकार ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू की थी।
गोवा में ब्लैकलिस्ट :-
बता दे कि जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एक जानी-मानी कंपनी है जो ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के लिए स्टेटिक एनर्जी मीटर और मीटरिंग इंस्टॉलेशन प्रोजेक्ट्स के डिजाइन, निर्माण और निष्पादन में विशेषज्ञता बताती है।
इसी के चलते जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को गोवा में काम मिला लेकिन वहां की सरकार ने इसे मीटरों में तकनीकी खराबी या गलत रीडिंग की शिकायतें मिलने और बेहद सुस्ती से काम होने के कारण 5 अगस्त 2024 को ब्लैकलिस्ट कर दिया ।
5 अगस्त 2024 को गोवा सरकार के ऊर्जा विभाग के चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर स्टीफन फर्नांडिस के हस्ताक्षर से मैसर्स जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. और मैसर्स एचपीएल इलेक्ट्रिक एंड पावर लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश जारी किया गया था।
23 दिन बाद राजस्थान में टेंडर :-
गोवा में ब्लैकलिस्ट होने के ठीक 23 दिन बाद आनन-फानन में अजमेर डिस्कॉम ने मैसर्स जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 1269 करोड़ 56 लाख के वर्क ऑर्डर जारी कर दिए।
इसके बाद जयपुर डिस्कॉम ने 3121.42 करोड़ रुपए से ज्यादा का स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका दे दिया। इसी तरह जोधपुर डिस्कॉम ने भी मैसर्स जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को हजारों करोड़ के 3 टेंडर जारी किए गए। टेंडर की कुल राशि 10 हजार करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है।
पिछली सरकार पर पल्ला झाड़ा :-
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर से टेंडर से जुड़ा सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका देने की प्रक्रिया शुरू की थी। हमारी सरकार ने केवल बची हुई औपचारिकताओं को पूरा करके कार्य आदेश दिए थे। मंत्री ने स्वीकार किया कि कंपनी का कामकाज संतोषप्रद नहीं है।
कंपनी शर्तों के अनुसार राज्य में काम नहीं कर पा रही है। ऐसे में हमने 8 जुलाई को नोटिस भी दिया है। तीन महीने में स्मार्ट मीटर लगाने के टारगेट पूरा करने को कहा है, अन्यथा कंपनी को राजस्थान में भी ब्लैक लिस्ट करने और टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई होगी।
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