फोटो : फाइल फोटो
जयपुर , 21 अगस्त 2025
रिपोर्ट : एडिटर
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हाल के दिल्ली दौरे और पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ उनकी मुलाकातों ने इस संभावना को और बल मिला है।
माना जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, जिसमें 6 नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। इस विस्तार में सभी गुटों के नेताओं को जगह देकर पार्टी गुटबाजी को खत्म करने और सरकार को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है।
20 माह हो गए सरकार को :-
बता दे कि राजस्थान में बीजेपी सरकार को बने 20 माह हो चुके हैं। अब मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोर पकड़ रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले 24 दिनों में तीन बार दिल्ली का दौरा किया है। इन दौरों में उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात की ।
माना जा रहा है कि इन मुलाकातों में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अहम मंत्रणा हुई है। अब जानकारी ये आ रही है कि आलाकमान के साथ अंतिम चर्चा के बाद जल्द ही विस्तार की घोषणा हो सकती है।
जानकारों का कहना है कि उपराष्ट्रपति चुनाव और राजस्थान विधानसभा के आगामी सत्र के पहले मंत्रिमंडल विस्तार पर अंतिम मुहर लग सकती है। विशेष रूप से विधानसभा के मानसून सत्र के पहले होने की संभावना है। वहीं, ये भी जानकारी है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का एक और दिल्ली दौरा संभव है, जिसमें वे शीर्ष नेताओं के साथ मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नामों पर अंतिम विचार-विमर्श करेंगे।
मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री:-
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें से 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में भजनलाल सरकार में मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री हैं। ऐसे में 6 नए मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने हाल ही में संकेत दिए थे कि कुछ मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मौजूदा मंत्रियों में से कुछ को हटाकर विस्तार किया जाएगा।
सभी गुटों को मिलेगा प्रतिनिधित्व:-
बीजेपी नेतृत्व इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सतर्क रुख अपना रहा है। पार्टी चाहती है कि विस्तार में सभी गुटों- खासकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों को उचित प्रतिनिधित्व मिले। इसका उद्देश्य सरकार के शेष कार्यकाल में गुटबाजी को खत्म करना और एकजुट होकर प्रदेश के विकास के लिए काम करना है।
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