फोटो : फाइल फोटो
कोटपुतली , 14 अक्टूबर 2025
रिपोर्ट : एडिटर
जिले के भौनावास निवासी अग्निवीर भीम सिंह की प्रागपुरा थाने से भौनावास गांव तक 7 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। तिरंगा रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए । इस दौरान भीम सिंह अमर रहे, भारत माता की जय के नारे लगे।
भीम सिंह उत्तराखंड के हर्षिल में आर्मी कैंट के पास धराली में बादल फटने के बाद से लापता हो गए थे। हादसे के 68 दिन उनकी बॉडी मिली थी। डीएनए टेस्ट से उनकी पहचान हो सकी। भीम सिंह इस प्राकृतिक आपदा से करीब 9 महीने पहले 14 राजपूताना राइफल्स में बतौर अग्निवीर भर्ती हुए थे। यह उनकी पहली पोस्टिंग थी।
इससे पहले अग्निवीर भीम सिंह की पार्थिव देह प्रागपुरा थाने पहुंची। जहाँ से भौनावास गांव तक 7 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। तिरंगा रैली पर लोगों ने पुष्पवर्षा की । वही अग्निवीर की मां विनोद कंवर का रो-रोकर बुरा हाल है।
5 जून 2025 को ट्रेनिंग से पासआउट:-
अग्निवीर के बड़े भाई कंवरपाल सिंह (23) ने बताया कि भीम सिंह 1 नवंबर 2024 को सेना में ट्रेनिंग के लिए गया था। 5 जून 2025 को वह ट्रेनिंग से पासआउट हुआ था। इसके बाद 14 राजपूताना राइफल्स में उसे उत्तराखंड के हर्षिल में पोस्टिंग मिली थी।
भीम सिंह की मां विनोद कंवर ब्लड प्रेशर (BP) की मरीज हैं। पिता महेश सिंह भी बुजुर्ग हैं। कंवरपाल ने बताया कि मैं भी सेना में जाने की तैयारी कर रहा हूं। पिता खेती करते हैं
कंवरपाल ने बताय कि भीम सिंह से आखिरी बार 4 अगस्त को बात हुई थी। उस दिन रात 9 बजे भीम सिंह का फोन आया था। उसने घर में सभी का हाल-चाल पूछा था। उसने बोला था कि वह छुट्टी पर आएगा, तब घर की मरम्मत करवाएगा।
5 अगस्त को हादसे की खबर मिलते ही भाई से कॉन्टैक्ट किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। 7 अगस्त को रात 12 बजे भीम के कंमांडिंग ऑफिसर (CO) का फोन आया। तब उन्होंने बताया कि भीम सिंह समेत 8 जवानों से उनका संपर्क नहीं हो रहा है। टीम उनकी तलाश में जुटी हुई है। रविवार को भीम सिंह के सीओ ने उसकी शहादत की सूचना दी।
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