फोटो : मुलाकात के दौरान
जयपुर , 02 दिसम्बर
प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की मतगणना तीन दिसम्बर को होनी है लेकिन गुरुवार शाम को एग्जिट पोल आने के बाद से प्रदेश में सियासी उठापटक शुरू हो चुकी है। ग्जिट पोल आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने पहुंचे थे । अचानक हुई मुलाकात ने सियासी गलियारों में चर्चाएं छेड़ दी थी । हालांकि, इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है। इधर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए अलग-अलग एग्जिट पोल खंडित जनादेश का संकेत दे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा बागी और स्वतंत्र उम्मीदवारों से मिल रहे हैं ताकि बहुमत के आंकड़े से कम होने की स्थिति में सुरक्षित रह सकें। आरएलपी, बीएसपी, भारतीय आदिवासी पार्टी और सीपीआई (एम) जैसे तीसरे मोर्चे के दल राज्य में संयुक्त रूप से 12 से 17 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं।
यदि ये दावे सच साबित होते हैं, तो उनकी झोली में कुल मिलाकर लगभग 25 सीटें होंगी और इस प्रकार त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में, ये दल और स्वतंत्र उम्मीदवार राज्य में किंग मेकर की भूमिका निभा सकते हैं। भाजपा जहां 130 सीटें जीतने का दावा कर रही है, वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि वह बागियों के समर्थन से बहुमत प्राप्त कर लेगी।
कांग्रेस लगातार बागियों और निर्दलियों के संपर्क में है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि निर्दलियों ने पिछले कार्यकाल में कांग्रेस का समर्थन किया था और वे भी ऐसा ही करेंगे क्योंकि वे हमारे सफल कार्यकाल के गवाह रहे हैं। हालांकि, हमें पूर्ण बहुमत मिलना तय है। है।
इन सबके बीच राजनितिक विश्लेशको के अनुसार गहलोत ने संभावित निर्दलियो से भी सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है । इसी के साथ ही अपने प्रत्यासियो से भी मिलना शुरू कर दिया गया है ।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नीमकाथाना से विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश मोदी ने मुलाकात की । हालंकि इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है। लेकिन इसके राजनितिक मायने भी निकाले जा रहे है । सुरेश मोदी गहलोत के एकदम बगल में बैठे है ।
एक्जिट पोल के अनुसार सुरेश मोदी नीमकाथाना में चुनाव जीतते दिखाई दे रहे है । उनकी सीधी टक्कर भाजपा के प्रेम सिंह बाजोर से है लेकिन बाजोर द्वारा नीमकाथाना को जिले हेतु अनुपयुक्त बताने सहित क्षेत्र से गायब रहने के आरोप के चलते बाजोर का जबरदस्त विरोध हो रहा है ।
अब देखना है कि एक्जिट पोल कितने सच साबित होते है और चुनाव परिणाम क्या रहता है । राजस्थान वासियों तो विकास चाहिए, सरकार फिर भाजपा की बने या कांग्रेस की ।
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