केन्द्रीय आम बजट विश्लेष्ण : जोखिम वाला बजट : सरकार बाजार को बूस्टर डोज दे रही तो आम आदमी को सिंगल डोज भी नही , उद्योगपतियों की जेब भरने वाला एवं आम आदमी, किसान, मजदूर की जेब खाली करने वाला बजट - गहलोत

फोटो  : प्रतीकात्मक   ।

नई दिल्ली, 01 फरवरी
रिपोर्ट : बिजनेस डेस्क

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का दसवां बजट पेश किया । कहने को तो यह बजट है लेकिन बजट कम भाषण ज्यादा लगता है । इस बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें थी खासकर मिडिल क्लास लोगों को व करदाताओं को , जो धरी की धरी रह गयी । उम्मीद इसलिए थी क्योंकि कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है , लोगों के हाथ खाली है । जब हाथ खाली हो तो खर्च की कौन सोचेगा ? सरकार का बजट उल्ट है ।

यह बजट जोखिम वाला बजट है । सरकार जोखिम लेकर बाजार को वैक्सीन का बूस्टर डोज देने की दिशा में कार्य कर रही है, लेकिन आम आदमी को सिंगल डोज भी नसीब नही होगी तो , वैक्सीन का क्या औचित्य  । इसलिए यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला, उद्योगपतियों की जेबह भरने वाला एवं आम आदमी, किसान, मजदूर की जेब खाली करने वाला बजट साबित हो सकता है ।

मिडिल क्लास से लेकर गृहणियों , गरीब, किसान और करदाताओं तक बजट से निराशा हाथ लगी । यह पहला बजट है जो किसी भी अर्थशास्त्री को समझ नहीं आया कि वित्त मंत्री ने यह बजट किस आधार पर तैयार किया है क्योंकि इस बजट में ना ही कोई ऐसी घोषणाएं हैं जो आमजन के लिए हो या कॉर्पोरेट जगत के लिए , हां कॉरपोरेट जगत को खुश करने की कोशिश जरुर हुई है । गरीब व किसान के लिए इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है । किसानों को जरुर डायरेक्ट एमएसपी का लोलीपोप जरुर दिया है । सेना को जरूर कुछ इस बजट में कुछ अतिरिक्त राशि मिलीहै । इस प्रकार से कहा जा सकता है 90 : 10  का बजट है अथार्त 90% को कुछ नहीं दिया और 10% को सब कुछ दिया।

किस क्षेत्र को क्या मिला :-

सरकार का ध्यान सिर्फ अपना खजाना भरने पर है । इसका अंदाजा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बयान से लगा सकते है । उन्होंने कहा कि राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करना चाहिए। इससे पहले वित्त मंत्री ने देश के करदाताओं का आभार किया और कहा कि उन्होंने जरूरत की इस घड़ी में सरकार के हाथों को मजबूत किया है।

देश की अपनी पहली डिजिटल मुद्रा लांच होगी । वितमंत्री ने कहा कि सरकार देश को डिजिटल बनाने के लक्ष्य के साथ डिजिटल मुद्रा लांच करने जा रही  है । जिसे भारतीय रिजर्व बैंक 2022 - 23 वित वर्ष में लांच करेगा । यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह मुद्रा किस तरह की होगी, इसका पेमेंट सिस्टम किस तरह का होगा, इस पर किस तरह का टैक्स लगेगा। यह सब स्पष्ट करना होगा । हमें अभी इसके बारे में थोड़ा और जानना होगा।

आम बजट में  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई के लिए कुछ अहम ऐलान किए गए हैं। वितमंत्री ने कहा कि इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 130 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दिए गए हैं। ईसीएलजीएस के दायरे को 50 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपए तक कर दिया गया है। इससे 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उद्यम, ई-श्रम , एनसीएस और असीम पोर्टल्स को लिंक किया जाएगा। इससे एमएसएमई का दायरा बढ़ जाएगा।

सस्ता  :-

वित्त मंत्री ने भारत में निर्मित कृषि क्षेत्र के लिए उपकरणों और उपकरणों पर छूट की घोषणा की है । इसका मतलब ये हुआ कि अब खेती का सामान सस्ता होगा । इसके अलावा बजट में कट और पॉलिश्ड डायमंड पर कस्टम ड्यूटी में 5% की कटौती की गई है। यानी गहने भी सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा चमड़े का सामान और स्टील सस्ती होगी। बटन, ज़िपर, चमड़ा, पैकेजिंग बॉक्स, कपड़ा, जेम स्टोन और हीरे के गहने, मोबाइल फोन , मोबाइल फ़ोन चार्जर, कृषि उपकरण और औजार, मेंथा ऑयल, स्टेनलैस स्टील आदि सस्ते हो जायेंगे ।

महंगा   :-

छातों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया गया है, जिससे छाते खरीदना महंगा हो जाएगा। साथ ही भारत में बनाई जा सकने वाली और इम्पोर्ट होने वाली दवा महंगी होगी । इसके साथ ही सभी आयातित आइटम महंगे होंगे, बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल, आर्टिफिशियल जूलरी, छाते पर ड्यूटी बढ़ी, यानी आपको छाता खरीदना महंगा पड़ेगा, एक्स-रे मशीन , सोलर सेल , स्मार्ट मीटर आदि महंगे होंगे ।

नेताओं के बयान :-

भाजपा ने बजट को शानदार बताया है तो विपक्ष ने पूंजीवादियों वाला बजट बताया है ।  पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को पेश किये गये आम बजट को अब तक का सबसे पूंजीवादी बजट बताया।

वही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने आज संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में करों को बढ़ाने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल से इस परंपरा को जारी रखा है, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे कोविड-19 के दौरान आम आदमी पर अधिक करों का बोझ न डालें।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले 7 साल में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा दुगना हो गया है। इस बजट के बाद यह घाटा और बढ़ने वाला है ।बजट में किसान आम आदमी गरीब महिलाओं एवं वंचित वर्ग के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है ।

गहलोत ने कहा कि बजट में रोजगार के नए आंकड़े पेश किए गए हैं परंतु इसकी कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई है। इसका हश्र भी दो करोड रोजगार प्रतिवर्ष के वादे जैसा ही होगा ।

उन्होंने कहा कि इस बजट से 25 सांसद एनडीए को देने वाले राजस्थान के नागरिक पूरी तरह निराश हुए हैं । ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा, जल जीवन मिशन में केंद्र राज्य का खर्च 90:10 के अनुपात में करने, जैसलमेर- कांडला रेलवे लाइन एवं गुलाबपुरा में मेमू कोच की स्थापना के लिए कोई घोषणा नहीं की गई । यह बजट महंगाई बढ़ाने वाला, उद्योगपतियों की जेब भरने वाला एवं आम आदमी, किसान, मजदूर की जेब खाली करने वाला बजट साबित होगा।

खबरों के लिए सिर्फ हिंदुस्तान डिजिटल न्यूज़, व्हाट्स ऐप्प No. 9358147558

Related News

Leave a Comment

Submit