फोटो : प्रतीकात्मक ।
जयपुर , 18 मई
रिपोर्ट : एजुटेक टीम
पाठकों द्वारा की जा रही मांग पर हमने प्रतियोगी परीक्षाओं के ये अंक विशेष रूप से तैयार किया है। इसके लिए विभिन्न कोचिंग संस्थान, एजुकेशन यु ट्यूब चेनल और शिक्षकगण आगे आये है । अभी हम सोमवार , बुधवार और शुक्रवार ही को ये अंक ला रहे है ।
हमारा आपसे भी एक अनुरोध है इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि इस अंक का अधिक विद्यार्थी लाभ प्राप्त कर सके । आपके लिए हमारी टीम इसे तैयार करने के लिए दिन - रात मेहनत करती है ताकि आपको बेहतर सामग्री मिल सके । यहाँ पर प्रतिदिन न्यूज़ अपडेट होती है ।
अध्याय -05, भाग - 01 : अंक -02
विषय : हिंदी
संधि
संधि की परिभाषा = दो या दो से अधिक वर्णों के मेल को संधि कहां जाता है ।
संधि के प्रकार - संधि के तीन प्रकार होते है ।
स्वर संधि
व्यंजन संधि
विसर्ग संधि,
फोटो : प्रतीकात्मक ।
जयपुर , 11 मई
रिपोर्ट : एजुटेक टीम
पाठकों द्वारा की जा रही मांग पर हमने प्रतियोगी परीक्षाओं के ये अंक विशेष रूप से तैयार किया है। इसके लिए विभिन्न कोचिंग संस्थान, एजुकेशन यु ट्यूब चेनल और शिक्षकगण आगे आये है । अभी हम सोमवार , बुधवार और शुक्रवार ही को ये अंक ला रहे है ।
हमारा आपसे भी एक अनुरोध है इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि इस अंक का अधिक विद्यार्थी लाभ प्राप्त कर सके । आपके लिए हमारी टीम इसे तैयार करने के लिए दिन - रात मेहनत करती है ताकि आपको बेहतर सामग्री मिल सके । यहाँ पर प्रतिदिन न्यूज़ अपडेट होती है ।
फीडबैक : मुझे आपका ये तरीका बहुत ही अच्छा लगा है , आपको नोट्स बनाकर भेजने से हमे टॉपिक भी याद हो जाता है , हिंदुस्तान डिजिटल न्यूज़ के फाउंडर भाई किशोर लोचिब का बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने ऐसी पहल की , भाई आपसे एक अनुरोध है कि न्यूज़ का एप प्ले स्टोर पर डलवाए ।
अध्याय -05, भाग - 01 : अंक -01
विषय : हिंदी
संधि
संधि की परिभाषा = दो या दो से अधिक वर्णों के मेल को संधि कहां जाता है ।
संधि के प्रकार - संधि के तीन प्रकार होते है ।
स्वर संधि
व्यंजन संधि
विसर्ग संधि,
स्वर संधि (दो या दो से अधिक स्वरो के मेल को स्वर संधि कहा जाता है ।
स्वर संधि के प्रकार- स्वर संधि के पांच प्रकार होते है ।
दीर्घ संधि
गुण संधि
वृद्धि संधि
यण संधि
अयादि संधि
गुण संधि (इसमें मिलने वाले दो स्वरो से भिन्न गुणवाला एक नया ही स्वर उत्पन्न हो जाता है|)
पहचान( शब्द मे एक मात्रा होगी)
नियम:-
अ या आ के बाद इ या ई आये तो ऐ बनेगा
अ या आ के बाद उ या ऊ आये तो ओ बनेगा
अ या आ के बाद ऋ आये तो अर् बनेगा
अ+इ= ऐ
बालेंदु= बाल+ इन्दु
योगेन्द्र=योग + इन्द्र
अ+ई=एे
नरेश=नर+ईश
गणेश=गण + ईश
आ+इ=एे
यथेष्ट= यथा + इष्ट
महेंद्र=महा + इन्द्र
आ+ई=एे
रमेश =रमा+ ईश
राकेश = राका + ईश
अ+उ=ओ
प्राप्तोदक=प्राप्त +उदक
परोपकार=पर+ उपकार
अ+ऊ=ओ
नवोढा=नव + ऊढा
सूर्योष्मा= सूर्य+ ऊष्मा
आ+उ=ओ
महोदय=महा+उदय
महोत्सव=महा+उत्सव
आ+ऊ=ओ
गंगार्मि=गगां+ऊर्मि
महोर्जा= महा+ ऊर्जा
अ+ऋ=अर्
देवर्षि= देव+ ऋषि
आ+ऋ=अर्
महर्षि= महा +ऋषि
अपवाद-
स्वैरिणी=स्व+ईरिणी
(एे के स्थान पर ऐेै हो गया)
प्रौढ= प्र+ऊढ
(ओ के स्थान पर औ हो गया)
अक्षौहिणी= अक्ष+ ऊहिणी
(ओ के स्थान पर औ हो गया) ।
अगला अंक शुक्रवार को । अपनी राय व्हाट्स ऐप्प 9358147558 पर दे सकते है ।
सोर्स : डिजिटल लायब्रेरी
लेखिक : अमित सिंह शेखावत
योग्यता : एम ए , बीएड,
खबरों के लिए सिर्फ हिंदुस्तान डिजिटल न्यूज़, व्हाट्स ऐप्प No. 9358147558
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