वीडियो एक्स्क्लूसिव : डॉ शर्मा बोले - अवेयरनेस बहुत जरूरी है और लाइफ स्टाइल में बदलाव : नीमकाथाना जिला अस्पताल के डॉ के के शर्मा Exclusive, डायबिटीज को लेकर रखे अपने विचार , क्या है लक्षण ?

फोटो  :फाइल फोटो 

नीमकाथाना , 16 नवंबर 2024         
रिपोर्ट : किशोर सिंह लोचिब 

वर्ममान में मधुमेह एक बहुत ही आम बीमारी है। विश्व में मधुमेह रोगियों की सबसे अधिक संख्या भारत में है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार विश्व में 44.2 करोड़ मधुमेह रोगी हैं और भारत में वर्ष 2030 में मधुमेह रोगियों की संख्या आठ करोड़ से अधिक होगी जो बहुत ही चिंताजनक है।

इसको लेकर हमने नीमकाथाना जिला अस्पताल के डॉ . के.के.शर्मा (MD-मेडिसिन), फिजिशियन से बात की । उन्होंने विस्तृत रूप से इसके लक्षण और बचाव के उपाय सुझाए । डॉ . के.के.शर्मा ने बताया कि मधुमेह एक मेटाबोलिक विकार है।  इसकी  पहचान उच्च रक्त शर्करा स्तर से होती है। मधुमेह मुख्यता दो प्रकार का होता है -  टाइप 1 और  टाइप 2.

टाइप 1 डायबिटीज मेलिटस :- 
बच्चों में अधिक पाया जाता है। असामान्य रूप से उच्च या निम्न रक्त शर्करा स्तर इस प्रकार के मधुमेह की विशेषता है। यह  अग्न्याशय में इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं की कमी के कारण होती है। बार-बार पेशाब आना, प्यास लगना, वज़न कम होना और लगातार भूख लगना इसके आम लक्षण हैं।

टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस:-
की विशेषता शरीर के ऊतकों की इंसुलिन के प्रति प्रभावी प्रतिक्रिया करने में अक्षमता है , जिसके कारण यह इंसुलिन की कमी से जुड़ा हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज  लोगों में मधुमेह का सबसे आम प्रकार है.

 मधुमेह के कारण:-

डॉ  शर्मा ने बताया कि हमारे द्वारा ग्रहण किया गया आहार  पाचन  प्रक्रिया के द्वारा  उपयोगी यौगिकों में टूट जाता है। इन यौगिकों में से एक है ग्लूकोज़, जिसे रक्त शर्करा या ब्लड शुगर भी कहा जाता है। इस ग्लूकोज  को रक्त द्वार शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाया जाता है।  लेकिन सिर्फ़ रक्त द्वारा कोशिकाओं तक ग्लूकोज़ पहुँचाना ही कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज़ को अवशोषित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। यह इंसुलिन हार्मोन का काम है। शरीर में इंसुलिन की आपूर्ति अग्न्याशय (पैंक्रियाज) द्वारा की जाती है।  जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल हो जाता है या किसी कारण से शरीर की कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं मिल पाता है। दोनों ही मामलों में रक्त में ग्लूकोज की अधिकता हो जाती है, जिसे मधुमेह या डायबिटीज मेलिटस कहा जाता है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, बहुत अधिक मीठा खाने, नियमित रुप से जंक फूड खाने, कम पानी पीने, एक्सरसाइज न करने, खाने के बाद तुरंत सो जाने, आरामपरस्त जीवन जीने,  व्यायाम न करने व अत्यधिक तनाव लेने  वाले लोगों में  डायबिटीज होने की संभावना अधिक रहती है।

मधुमेह के लक्षण:-
मधुमेह के सबसे आम लक्षण हैं थकान, चिड़चिड़ापन, तनाव, बार-बार प्यास लगना और पेशाब आना और सिरदर्द, नेत्र ज्योति धुंधली होना, वजन कम होना, भूख में वृद्धि आदि शामिल हैं।

 मधुमेह का स्तर:-
आमतौर पर खाना खाने से पहले  100 mg/dL से कम रक्त शर्करा का स्तर सामान्य माना जाता है।  खाने के दो घंटे बाद  यह 140 mg/dL से कम होना चाहिए लेकिन इन स्तरों में कुछ भिन्नता भी हो सकती है।

प्रभाव:-
मधुमेह के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। रक्त में अत्यधिक ग्लूकोज गुर्दे, रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं, आंखों व त्वचा को नुकसान पहुंचाता है जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न  बीमारियाँ होती हैं।
इससे  दिल का दौरा पड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है।

बचाव:-
डॉ. शर्मा ने बताया कि मधुमेह एक गंभीर जानलेवा बीमारी है और इसे लगातार निगरानी में रखना चाहिए तथा उचित दवा और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जाना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित जांच और उचित दवा का पालन करके हम स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकते हैं।

इसके लिए पैदल चलें । अपने वजन को काबू में रखें । सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज (फाइबर) आदि को अपने भोजन में शामिल कीजिये।   दिन में दो- तीन समय खाने की बजाय उतने ही खाने को छह या सात बार में खाएं। तले खाने से परहेज करें।  फास्ट फूड और डिब्बाबंद जूस का सेवन ना करें।  पानी ज्यादा पिएं, क्योंकि यह शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मददगार साबित होता है।   धूम्रपान और शराब का सेवन बन्द करें।

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