दिव्या ने वर्ल्ड नंबर एक को हराया : वर्ल्ड टीम रैपिड और ब्लिट्ज चेस चैंपियनशिप में जीते 3 मेडल, प्रधानमंत्री मोदी ने की तारीफ

फोटो  : फाइल फोटो 

दिल्ली , 19 जून 2025        
रिपोर्ट  :स्पोर्ट्स डेस्क  

भारत की होनहार युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने दिव्या देशमुख ने दुनिया की नंबर एक चेस प्लेयर हौ यिफान को हराया। लंदन में आयोजित वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चेस चैंपियनशिप में उन्होंने दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी चीन की हाउ यिफान को हराकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा।

जूनियर कैटेगरी की वर्ल्ड नंबर-1 दिव्या ने चीन की हौ यिफान को हराते हुए वर्ल्ड टीम रैपिड और ब्लिट्ज चेस चैंपियनशिप में 3 मेडल जीते। इनमें रैपिडचेस का सिल्वर और ब्लिट्ज का ब्रॉन्ज मेडल शामिल है।

हालंकि टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहले मुकाबले में दिव्या को यिफान के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने दूसरे मुकाबले में जबरदस्त वापसी की। सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने खेल की शुरुआत से ही यिफान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। ब्लिट्ज चेस में समय की सटीक गणना और सही चालों का महत्व बहुत अधिक होता है और दिव्या ने इसे बखूबी साबित किया।

दिव्या की इस अचीवमेंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है। PM मोदी ने सोशल प्लेटफार्म X पर लिखा-'लंदन में वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी होउ यिफान को हराने पर दिव्या देशमुख को बधाई। उनकी सफलता उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। यह कई उभरते शतरंज खिलाड़ियों को भी प्रेरित करती है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।'

दिव्या देशमुख का जन्म 9 दिसंबर 2005 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उनके माता-पिता डॉ. जितेंद्र और डॉ. नम्रता दोनों चिकित्सा पेशे से जुड़े हैं। महज पांच साल की उम्र में दिव्या ने शतरंज की बिसात पर कदम रखा और जल्द ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने हुनर का जलवा दिखाया। 2012 में उन्होंने अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीतकर सबका ध्यान खींचा।

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