फोटो :फाइल फोटो
जयपुर , 24 अगस्त 2024
राजस्थान भाजपा के नए प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास की राजेन्द्र राठौड़ पर टिपण्णी ने राजस्थान भाजपा में ग़दर मचा दिया है । रही सही कसर राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ के प्रति हमदर्दी नेपूरी कर दी ।
राजेन्द्र राठौड़ पर राजस्थान भाजपा के नए प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास की टिपण्णी के बाद शुक्रवार को दिनभर "राजेन्द्र राठौड़ नही तो भाजपा नही " हैस टेग के साथ ट्विटर पर ट्रेंड पर रहा ।
इसके साथ ही उनियारा में होने वाले उपचुनाव की बैठक में राजेंद्र राठौड़ नहीं पहुंचे। राठौड़ हिसार के दौरे पर रहे। इससे साफ है कि 3 दिन पहले बैठक से जाने पर प्रदेश प्रभारी ने जो नाराजगी जताई थी , राठौड़ उससे अपना अपमान मान रहे है ।
पार्टी ने इस सीट के लिए राठौड़ के साथ ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र गोठवाल और ओमप्रकाश भड़ाना को भी प्रभारी बनाया था। ये तीनों नेता आज की बैठक में मौजूद रहे।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ आज हिसार के दौरे पर रहे। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर हिसार बीजेपी कार्यालय में पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित किया। राठौड़ ने इस बैठक की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी साझा की। उनियांरा की बैठक में ना आकर राठौड़ ने साफ सन्देश दे दिया है कि यह उनका अपमान है ।
बता दे कि डोटासरा ने कल यानि गुरूवार के ED ऑफिस के सामने प्रदर्शन के दौरान कहा था - "कल बीजेपी के नए प्रभारी राठौड़ साब की हाजरी ले रहे थे, अरे राजेंद्र राठौड़ कोई छोटा नेता है क्या...वो आदमी नेता प्रतिपक्ष रहा है, 7 बार विधायक रहा है...उसका और कितना अपमान करोगे....अब और क्या चाहते हो कि वो दरी बिछाकर घुटनों पर बैठ जाए"।
हालंकि सोशल मिडिया पर छिड़ी बहस के बाद आज राजेन्द्र राठौड़ की प्रतिक्रिया सामने आई । राठौड़ ने सोशल मिडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा - "सोशल मीडिया कुछ लोग मेरे और भाजपा संगठन के प्रति भ्रम फैलाकर अनर्गल ट्रेंड चला रहे हैं जिसका मैं विरोध करता हूं...मैंने अपना पूरा राजनीतिक जीवन भाजपा संगठन के लिए समर्पित किया है और भविष्य में भी एक कार्यकर्ता के रुप में संगठन को मजबूती देने के लिए अनवरत कार्यरत रहूंगा। मेरी सभी समर्थकों और कार्यकर्ताओं से अपील है कि सोशल मीडिया पर अनर्गल टिप्पणियां ना करें। भाजपा है तो हम हैं।"
लेकिन दूसरी तरफ बैठक में ना आकर सन्देश भी दे दिया कि डोटासराने सही कहा है । तो क्या नए प्रदेश प्रभारी ने सब रायता बना दिया । इससे पहले डॉ किरोड़ी लाल मीणा का मसला हो सोल्व नही हुआ और उपचुनाव से पहले नया बखेड़ा खड़ा कर दिया गया ।
हालंकि मामला बिगड़ा देख प्रभारी दास ने मामले पर अपनी सफाई भी पेस करदी लेकिन झुंझुनू में हुए विरोध को देखते हुए लगता नही कि मामला सफाई से रुकेगा । अब देखना है कि इसका असर कहा तक जायेगा , क्या डॉ किरोड़ी लाल मीणा और राजेन्द्र राठौड़ के मामले का असर उपचुनाव में होगा और बीजेपी को नुकसान होगा ?
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