वीडियो एक्सक्लूसिव : सरकार के पास दो आप्शन , पहले विकल्प पर ज्यादा जोर : नए जिलो पर आज निर्णय संभव , कैबिनेट सब कमेटी की बैठक आज , छोटे जिलो का मर्जर संभव, 6 से 8 जिलो पर खतरा

फोटो  :फाइल फोटो 

जयपुर , 02 सितम्बर 2024

प्रदेश नए जिले और नए संभागों की समीक्षा के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने शुक्रवार को प्रमुख राजस्व सचिव दिनेश कुमार को रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट पर डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी में आज 3 बजे होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी ।

सूत्रों के अनुसार पूरी तरह से पसोपेश में है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसको लेकर दो संभावनाए सामने आ रही है । पहली संभावना ये है कि भजनलाल सरकार कुछ छोटे जिलों को अन्य जिलों में मर्जर कर सकती है। साथ ही कोटपुतली - बहरोड़ और डीडवाना - कुचामन की तर्ज पर दो क्षेत्रो के नाम से मर्जर संभव है । इसके साथ ही जयपुर-जोधपुर के विभाजन को भी रद्द कर सकती है।

दूसरी सम्भावना ये है कि ज्यादा छोटे 6 से 8 जिलो को कैंसिल किया जा सकता है । हालंकि इससे भजनलाल सरकार को राजनितिक रूप से नुकसान संभव है । ऐसे में सरकार पहले विकल्प पर कार्य कर रही है ।

बता दे कि पंवार कमेटी ने नए जिलों व संभागों के क्षेत्राधिकार, संचालन, प्रशासनिक आवश्यकता एवं वित्तीय संसाधनों से जुड़े पहलुओं पर विचार किया है। रिपोर्ट देने के बाद ललित के पंवार ने मिडिया के सवाल पर सिर्फ इतना कहा - नो कमेन्ट । जानकार सूत्रों के अनुसार कमेटी ने 6 जिलो के मापदंड पर खरा नही माना है ।

इन जिलों पर हो सकता है फैसला:-
कुछ नए जिलों का आकार छोटा है। ऐसे में नजदीकी जिले के अन्य हिस्सों को जोड़कर मर्जर किया जा सकता है। छोटे जिलों में दूदू, खैरथल तिजारा, केकड़ी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा का नाम शामिल है। इसके अलावा डीग, गंगापुर सिटी, कोटपूतली-बहरोड़, नीमकाथाना, अनूपगढ़ और फलोदी को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है। वहीं, जयपुर और जोधपुर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को अलग-अलग जिलों में बांटने पर भी विवाद है। जिस पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

पिछले साल बनाए गए थे ये नए जिले:-
राजस्थान में पहले 33 जिले थे। लेकिन, पिछले साल 19 नए जिले बनाए गए थे। जिनमें जयपुर और जोधपुर को दो भागों में बांटा गया था। इस कारण कुल जिलों की संख्या 50 है। पिछले साल अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, फलौदी, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीमकाथाना, सलूम्बर, सांचौर, शाहपुरा (भीलवाड़ा) को नया जिला बनाया गया था।

नीमकाथाना - खेतड़ी जिला संभव :-
सूत्रों के अनुसार नीमकाथाना जिले को लेकर किसी भी विधानसभा क्षेत्र ने कोई आपत्ति नही जताई है । नीमकाथाना जिले में श्रीमाधोपुर , खेतड़ी , नीमकाथाना और उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र शामिल है । सभी विधानसभा क्षेत्र इसको लेकर एक राय है । नीमकाथाना में सीकर जिले की खंडेला विधानसभा क्षेत्र की एक दर्जन ग्राम पंचायते अवश्य शामिल होना चाहती है । साथ ही नीमकाथाना प्रशासनिक और राजस्व के मामले में अव्वल जिला है ।

जानकार सूत्रों के अनुसार भाजपा का एक धड़ा खेतड़ी को जिला बनाना चाहता है ऐसे में कोटपुतली - बहरोड़ की तर्ज पर नीमकाथाना - खेतड़ी जिला संभव है । हालंकि इसकी सम्भावना कम ही है ।

40 से 48 जिले रह सकते है:-
वर्तमान में राजस्थान में 50 जिले और 10 संभाग है । पंवार कमेटी ने दूदू, खैरथल तिजारा, केकड़ी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा को छोटे जिलो में शामिल किया है । ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा इन्ही जिलो पर मंडरा रहा है । साथ ही जयपुर और जोधपुर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को अलग-अलग जिलों में बांटने पर भी विवाद है। ऐसे में माना जा रहा है कि इनको एक किया जा सकता है । ऐसे में सम्भावना है कि जिलो की संख्या 40 से 48 रह सकती है । वही भीलवाडा संभाग को लेकर भी सवाल उठाए गए थे ऐसे में भीलवाडा को हटाकर एक दूसरा संभाग बनाया जा सकता है ।

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