17 नए जिलो पर जल्द होगा फैसला : सीएम ने प्रशासनिक सीमाएं खुलवाने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, छुट की समय सीमा 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ाए जाने की मांग

फोटो  :फाइल फोटो 

जयपुर , 06 सितम्बर 2024

एक बार फिर राजस्थान का भूगोल बदल सकता है । इससे पहले पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 17 नए जिले बनाकर राजस्थान का भूगोल बदल दिया था । ऐसा इसलिए क्योंकि गहलोत सरकार के समय बने 17 नए जिलों को लेकर भजनलाल सरकार जल्द ही अंतिम निर्णय ले सकती है। इसी को लेकर अब सीएम भजनलाल शर्मा ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।

इस लेटर में राजस्थान के लिए प्रशासनिक सीमाओं को 31 दिसंबर तक खोलने का आग्रह किया हैं। क्योंकि प्रस्तावित जनगणना के चलते राज्य की प्रशासनिक सीमाएं सील हैं। ऐसे में सरकार चाहकर भी जिलों के क्षेत्राधिकार में परिवर्तन नहीं कर सकती है।

इससे साफ है कि भजनलाल सरकार अगले दो-तीन महीनों में ही गहलोत सरकार के समय बने 17 नए जिलों का क्षेत्राधिकार बदलने या उन्हें समाप्त करने और छोटे जिलों को आपस में मर्ज करने के सम्बन्ध में फैसला लेगी।

पत्र में क्या :-
शाह को लिखे पत्र में कहा गया है कि केन्द्र सरकार ने आगामी जनगणना के लिए जिलों, तहसील, कस्बों एवं ग्रामों जैसी प्रशासनिक इकाइयों को तय करने की राज्य की शक्तियां 1 जुलाई 2024 के आगे नहीं बढ़ाई हैं। लेकिन राज्य सरकार आमजन को लाभान्वित करने के लिए प्रदेश में नवीन राजस्व ग्राम, उपखंड, तहसील, उप-तहसील, कार्यालयों के सृजन एवं जिलों के क्षेत्राधिकार आदि में परिवर्तन के संबंध में अधिसूचना जारी करना चाहती है। ऐसे में राजस्थान प्रदेश के लिए प्रशासनिक ईकाइयों के स्थिरीकऱण की समय सीमा 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ाए जाने की अनुमति मांगी है।

पंवार कमेटी की रिपोर्ट:-
भजनलाल सरकार ने 17 नए जिलो के रिव्यू के लिए 12 जून को उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा के संयोजन में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति गठित की थी। मंत्रिमंडलीय उप समिति के सहयोग के लिए पूर्व आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में एक हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था।

पंवार कमेटी ने जिन 17 नए जिलों का परीक्षण किया, उनमें अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर शहर, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर शहर, फलौदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं। इन जिलों के अलावा राजस्थान में बने तीन नए संभाग—बांसवाड़ा, पाली और सीकर—की भी समीक्षा की गई है।

अगले 15 दिन में होगी अगली बैठक:-
कमेटी की अगली बैठक 15 दिन बाद होगी, जिसमें नए जिलों को लेकर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। रिपोर्ट के आधार पर यह संभव है कि छोटे जिलों को बड़े जिलों में मिलाकर प्रशासनिक दक्षता और खर्च में कटौती की जाए।

जनगणना विभाग के पास 50 जिलो की लिस्ट :-

प्रदेश में जब भी कोई भी नया गांव, तहसील, नया जिला या नई नगरपालिका सहित कोई भी प्रशासनिक यूनिट बनती है या उसकी बाउंड्री में कोई बदलाव होता है तो उसकी सूचना तत्काल जनगणना निदेशालय को दी जाती है। प्रशासनिक​ यूनिट बनाने, खत्म करने, मर्ज करने या बाउंड्री में बदलाव करने से जुड़े हर नोटिफिकेशन की एक कॉपी जनगणना निदेशालय को भेजी जाती है।

देश में जनगणना का काम सितंबर से शुरू होना प्रस्तावित है। ऐसे में अब देश के किसी भी राज्य में कोई प्रशासनिक यूनिट में बदलाव नहीं हो सकता है। केन्द्र सरकार ने इस संदर्भ में राज्य की शक्तियों को सीज़ कर दिया हैं। अब भजनलाल सरकार ने राजस्थान के लिए विशेष छूट की मांग की हैं।

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