फोटो :फाइल फोटो
नीमकाथाना , 13 सितम्बर 2024
तेजा दशमी के अवसर पर नीमकाथाना में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में 20 हजार से ज्यादा महिलाएं और पुरूष शामिल हुए। शोभायात्रा शहर के प्रमुख्य मार्गो से होकर गुजरी । तेजा भक्त घोड़ी और ऊंट पर सवार दिखे, जिनपर ड्रोन और बुलडोजर से पुष्प वर्षा की गई।
शोभायात्रा में ऊंट और घोड़ी भी शामिल :-
शोभायात्रा खेतड़ी रोड़ स्थित जाट छात्रावास से शुरू हुई और खेतड़ी मोड़, जिला अस्पताल के सामने से होते हुए शाहपुरा रोड, सुभाष मंडी, रामलीला मैदान, सब्जी मंडी, जिला अस्पताल के सामने से होते हुए वापस जाट छात्रावास में पहुंची । यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए ।
शोभायात्रा में 100 से ज्यादा गोठिये शामिल हुए जो ऊंट और घोड़ी सवार शामिल हुए हैं। शोभायात्रा के दौरान व्यवस्था को संभालने के लिए 50 से अधिक पुलिस कर्मियों और होम गार्ड का जाप्ता भी लगाया गया है । डीएसपी अनुज डाल ने शोभायात्रा में मॉनिटरिंग की ।
लोगो में उत्साह :-
नीमकाथाना जिला मुख्यालय पर पहली बार आयोजित हुए तेजा दशमी समारोह को लेकर महिलाओ से लेकर युवा - बुजुर्गो में उत्साह देखा गया । हिंदुस्तान डिजिटल न्यूज़ ऐप की टीम ने लोगो से समारोह और शोभायत्रा को लेकर उनकी प्रतिक्रिया जानी ।
विधायक मोदी :-
शोभायात्रा में नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी भी शामिल हुए । मोदी ने समारोह को लेकर सभी क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं दी । मोदी ने कहा - तेजाजी महाराज सबके पूज्य है । जिन्होंने गायो की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए । आज नीमकाथाना में जो एतिहासिक आयोजन हुआ है । वह बहुत ही शानदार है ।
वीरांगना सामोता :-
शोभायात्रा में भाजपा प्रदेश सह संयोजन सैनिक प्रकोष्ठ वीरांगना कविता सामोता भी जोश में नजर आई । सामोता ने पुरे आयोजन को लेकर मैराथन दौड़ की तरह हर गाँव ढाणी में जनसंपर्क किया । सामोता ने कहा - तेजाजी महाराज सबके पूजनीय है । आज के एतेहासिक आयोजन ने भी दिखा दिया है कि हमारे आराध्य देव के प्रति हमारी भक्ति कितनी है । सभी में तेजाजी क जोश है । आज हम सब बहुत खुश है ।
डॉ रणजीत सिंह जाखड :-
शोभायात्रा में डॉ रणजीत सिंह जाखड भी शामिल हुए । डॉ जाखड ने कहा - हम आज बहुत खुश है जो हमारे आराध्य देव तेजाजी महाराज की विशाल शोभायात्रा में हजारो की संख्या में तेजा भक्तो ने शिरकत की है । यह आयोजन अब हर वर्ष होगा ।
तेजा दशमी से पहले ही तेजा गायन की शुरुआत हो जाती है। अलगोजों की स्वर लहरियों के बीच लंबी राग में तेजा गायन लोगों को रोमांचित कर देता है। साथ में कच्छी घोड़ी के नृत्य से लोग आनंदित हो उठते हैं। हाड़ौती में तेजा ख्याल काफी प्रसिद्ध है। इसमें तेजाजी के जीवन के सभी पहलुओं को गाया जाता है। ग्रामीण इलाकों में तेजा गायन को लेकर अलग-अलग मंडली बनी हुई हैं, जो तेजा दशमी के मौके पर तेजा ख्याल प्रस्तुत करने के लिए पहुंचती हैं।
बूंदी ही नहीं बल्कि हाड़ौती में आंतरदा में तेजाजी की महिमा अलग और सबसे अधिक चर्चित रहती है। यहां हर साल तेजा दशमी को लोक देवता सर्प के रूप में अवतरित होते हैं। तेजा दशमी से पहले ही यह बात पता चल जाती है कि सर्प रूप में तेजाजी कहां मिलेंगे। बाद में ग्रामीण गाजे बाजे के साथ उनकी अगवानी करते हुए लेने पहुंचते हैं। तेजाजी के भोपे (पुजारी) के हाथों से लेकर शरीर पर यह सर्प रूपी तेजाजी रेंगते हैं। इस दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रृद्धालु पहुंचते हैं।
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