वीडियो न्यूज़ : गहलोत राज में बने नए जिले अभी नही होंगे खत्म : जिलों की सीमाएं फ्रीज ही रहेंगी, जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने नही दी मंजूरी, नए तहसील - उपखंडों को छूट

फोटो  :फाइल फोटो 

जयपुर , 01  अक्टूबर 2024

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में बने नए जिले अभी समाप्त नही होंगे या इनमे फेरबदल नही होगा । जनगणना विभाग ने राजस्थान में नई प्रशासनिक यूनिट बनाने पर लगी रोक से कुछ छूट दी है। विभाग ने नए उपखंड, तहसील, उप-तहसील और नए राजस्व गांवों को नो​टिफाई करने की मंजूरी दे दी है। अब बजट में घोषित इन प्रशासनिक यूनिटों के गठन पर जनगणना की रोक नहीं रहेगी।

जिलों की बाउंड्री पर जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने किसी तरह की छूट नहीं दी है। इसलिए जिलों की सीमा फ्रीज ही रहेंगी। सरकार जिलो की सीमा में कोई फेरबदल नही कर सकती ।

दरसल राजस्व विभाग ने जनगणना रजिस्ट्रार जनरल को अगस्त में चिट्ठी लिखकर नए जिले, उपखंड, तहसील और राजस्व गांव बनाने और उनकी बाउंड्री बदलने पर लगी रोक से छूट देने की मांग की थी। इसके लिए 20 अगस्त को ही चिट्ठी लिखी गयी थी। जिसके जवाब में जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से कुछ छुट दी गयी  है। जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के ऑफिस ने राजस्थान सरकार को जिलों पर मांगी गई छूट पर कोई राहत नहीं दी है। जिलों का जिक्र तक नहीं किया है।

जनगणना रजिस्ट्रार जनरल के दफ्तर ने लिखा - राज्य में जिन राजस्व गांवों को घोषित करने की मंजूरी राजस्व मंत्री से मिली है और 2024-25 के बजट के दौरान दौरान जिन नए उपखण्ड, तहसील और उप-तहसील बनाने की घोषणा की जा चुकी है। उनकी अधिसूचनाएं जारी की जा सकती हैं।

बता दे कि जनगणना रजिस्ट्रार जनरल ने 1 जुलाई से सभी प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज कर दिया है । 1 जुलाई के बाद किसी तरह के नए जिले, उपखंड, तहसील और गांव बनाने और उनकी बाउंड्री में बदलाव पर रोक लगाई हुई है। बिना जनगणना रजिस्ट्रार जनरल की मंजूरी के वार्ड की सीमा में भी बदलाव नहीं हो सकता।

सीएम ने गृह मंत्री को लिखा था पत्र :-
मुख्यमंत्री भजनलाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखकर नए जिलों के गठन और उनकी बाउंड्री में बदलाव करने पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। इस लेटर पर अभी तक कोई जवाब नही आया है । ये जवाब अभी राजस्व मंत्री के लेकर पर आया है ।

जनगणना रजिस्ट्ररार जनरल से सरकार को जिलों की बाउंड्री में बदलाव करने, नए जिले बनाने अथवा जिले मिटाने की कोई मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे हालात में अब जिलों के रिव्यू को धारातल पर तब तक नहीं उतारा जा सकेगा जब तक जनगणना की रोक नहीं हटती है। अगर जनगणना की घोषणा हो जाती है तो अगले दो साल तक जिलों में बदलाव नहीं हो सकेगा। सरकार ने मंत्रियों की ​कमेटी को गहलोत राज के जिलों के रिव्यू का जिम्मा दे रखा है। सरकार अपने स्तर पर तो गहलोत राज के जिलों पर फैसला कर सकती है, लेकिन उनकी बाउंड्री में बदलाव नहीं कर सकती।

जनगणना की रोक से जुड़े सवाल पर कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- यह एक कानूनी प्रश्न है, अभी हमारा मुद्दा जिले बनाना या घटाना विषय नहीं है। अभी तो जो जिले बने हैं, उनकी समीक्षा कर रहे हैं। अगर हमको लगेगा यह जिला कम करना है या बनाना है या एडिशनल अल्टरेशन करना है।तो हम इस पर केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे, जनगणना विभाग की परमिशन लेंगे। परमिशन के बाद विधिवत जो निर्णय होगा वह किया जाएगा।

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