वीडियो लाइव : उपचुनाव के बीच नए जिलों को लेकर सियासत शुरू : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भजनलाल सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए, बोले-नए जिलों पर सरकार अस्थिरता पैदा कर रही

फोटो  :फाइल फोटो 

जयपुर , 02 नवंबर 2024

राजस्थान में उपचुनाव के बीच नए जिलों को लेकर सियासत एक फिर शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने नए जिलों की समीक्षा नाम पर प्रदेश में अस्थिरता और असमंजस की स्थिति उत्पन्न होने को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा - इस पर चर्चा के लिए सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए।

जूली ने एक बयान जारी कर कहा- राज्य सरकार नए जिलों की समीक्षा के नाम पर प्रदेश में अस्थिरता और असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए भजनलाल सरकार नए जिलों में कटौती के मंसूबे बना रही है। नए जिलों और संभागों का मुद्दा बहुत संवेदनशील है। प्रदेश के दूरगामी हितों से जुड़ा हुआ है। 

टीकाराम जूली ने कहा कि मदन दिलावर की अध्यक्षता में बनी कमेटी कुछ जिलों को खत्म करने की सिफारिश कर सकती है। सरकार इस मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सदन के सामने पूर्व आईएएस अधिकारी ललित के. पंवार की रिपोर्ट रखे। साथ ही मंत्रियों की सब -कमेटी भी अपनी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखे। इन दोनों रिपोर्ट पर सदन में खुली चर्चा हो। इसके बाद ही नए जिलो और संभागो पर कोई फैसला हो । 

‘छोटे जिलों किया जा सकता है समाप्त’:-

नेता प्रतिपक्ष जूली ने आगे कहा कि कई मंत्री भी पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के बनाए नए जिलों को लेकर बयान दे चुके हैं। माना जा रहा है कि गंगापुर सिटी, सांचोर, केकड़ी और दूदू जैसे छोटे जिलों को समाप्त किया जा सकता है। ऐसे में नए जिलों और संभागों पर सदन में एक सकारात्मक निर्णय के लिए बहस होनी चाहिए।

‘पूर्ववर्ती सरकार ने की थी घोषणा’:-

जूली ने आगे कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में नए जिलों और संभागों की घोषणा अपने बजट भाषण में की थी। नए जिलों और संभागों के गठन से पूरे प्रदेश की जनता में एक नया उत्साह बना था। गहलोत सरकार का यह निर्णय इतना बड़ा सकारात्मक निर्णय था कि अब अन्य जिलों और संभागों के गठन की मांग उठने लगी है।

जूली ने कहा- भाजपा सरकार की जिम्मेदारी यह है कि वह नवगठित जिलों और संभागों की आधारभूत संरचना मजबूत करने की दिशा का रोडमैप तैयार करें। भजनलाल सरकार एक अदूरदर्शी और नकारा सरकार साबित हुई है। दिल्ली से आने वाली पर्ची को पढ़कर काम करती है। बात -बात में यूटर्न लेती है। इसलिए नए जिलों और संभागों के संवेदनशील मुद्दे पर सरकार का मानस पूर्वाग्रह से ग्रस्त नजर आ रहा है। 

बता दे कि इसी महीने में नए जिलो पर भजनलाल सरकार फैसला लेने जा रही है ।

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