फोटो :फाइल फोटो
नीमकाथाना , 27 नवंबर 2024
रिपोर्ट : किशोर सिंह लोचिब
नीमकाथाना नगरपरिषद् में वार्डो की संख्या में एक बार फिर वृद्धि होना तय है । क्योंकि 41 साल बाद नीमकाथाना शहर का नक्शा बदलने जा रहा है। शहरी सीमा में अब पैराफेरी एरिया में शामिल पंचायतों के कई गांवों को शामिल किया जाएगा। इसको लेकर जिला कलेक्टर शरद मेहरा ने प्रस्ताव मांगे हैं। इसके बाद नगर परिषद ने सीमा विस्तार को लेकर कवायद शुरू कर दी है। सीमा विस्तार कर पैराफेरी एरिया के कई गांवों को जोड़ने से नीमकाथाना शहर की आबादी 36 हजार से बढ़कर 50 हजार से अधिक हो जाएगी।
स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने प्रदेश की नगर पालिकाओं, नगरपरिषद व नगर निगमों की सीमा बढ़ाने को लेकर संबधित जिला कलेक्टरों के माध्यम से प्रस्ताव 27 नवंबर तक मांगे हैं। जिला कलेक्टर शरद मेहरा ने जिले की नगर पालिकाओं व नगर परिषद से सीमा विस्तार के प्रस्ताव मांगें हैं।
पैराफेरी में शामिल हैं ये गांव:-
नीमकाथाना नगर परिषद की पैराफेरी में 23 गांव शामिल हैं। सीमा विस्तार को लेकर शुरू हुई कवायद में इनमें से कई गांवों को शहरी सीमा में जोड़ा जाएगा। पैराफेरी में चलाकीढाणी, महावा, भराला, नीमोद, खादरा, मानपुरा, जगतसिंहनगर, बल्लभदासपुरा, हीरानगर, नीमकाथाना ग्रामीण, मालनगर, कुरबड़ा, आगवाडी, राजनगर, चकचारावास, गोडावास, राणासर, नयाबास, सिरोही गांव हैं।
जिला कलेक्टर शरद मेहरा ने बताया कि शहरी सीमा विस्तार को लेकर नगर परिषद से प्रस्ताव मांगें गए हैं। इसको लेकर कवायद चल रही है। जल्द ही प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे जाएंगे।
1983 में तय हुई थी शहरी सीमा:-
नीमकाथाना नगर पालिका की सीमा 2 अगस्त 1983 को तय हुई थी। स्वाक्त शासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की थी। 21 फरवरी 1983 तक आपत्ति मांगी गई थी। इसके बाद सीमा निर्धारण कर अधिसूचना जारी की गई थी। वहीं वाडों की संख्या भी 8 से बढ़ाकर 13 कर दी गई थी। 1986 में वार्डों की संख्या को बढ़ाकर 16 कर दिया गया। इसके बाद शहरीकरण के चलते आबादी बढ़ती गई। लेकिन सीमा विस्तार नहीं हुआ। वर्ष 2014 में वाडों की संख्या को बढ़ाकर 25 कर दिया गया। बाद में वार्ड बढ़ाकर 35 कर दिए गए, लेकिन शहर की सीमा एक इंच नहीं बढ़ी।
अब जगी उम्मीद :-
अब जिला कलेक्टर के प्रस्ताव के बाद लोगो को उम्मीद जगी है कि शहरी सीमा में आसपास के गाँवो को भी शामिल किया जाएगा । सीमा विस्तार कर पैराफेरी एरिया के कई गांवों को जोड़ने से शहर की आबादी 36 हजार से बढ़कर 50 हजार से अधिक हो जाएगी। जनसंख्या बढ़ने के साथ ही नगरपरिषद में वार्डों की संख्या भी बढ़ेगी।
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