फोटो : फाइल फोटो
नीमकाथाना , 23 दिसम्बर 2024
रिपोर्ट :किशोर सिंह लोचिब
नीमकाथाना जिले में लाइम स्टोन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। हाल ही में भूविज्ञान विभाग ने क्षेत्र में एक और ब्लॉक चिन्हित किया है। प्रोजेक्ट के शुरू होने पर जिले में सीमेंट की फैक्ट्रियां लग सकेंगी। वहीं रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे। सरकार को भी रॉयल्टी के रूप में राजस्व मिलेगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार भूदोली-खोरा क्षेत्र में लाइम स्टोन का भंडार है। भू-विज्ञान विभाग के सर्वे में इसकी पुष्टि हो चुकी है। खनन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि भूदोली-खोरा में लाइम स्टोन का ब्लॉक है। यहां खनन की काफी संभावनाएं हैं।
इसको लेकर भू-विज्ञान शाखा जयपुर से जानकारी मांगी गई है। उसके बाद इस दिशा में कार्य शुरू होगा। वही प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद नीमकाथाना जिले के विकास यह सहायक साबित होगा।
बता दे कि नीमकाथाना के भूदोली क्षेत्र में चेजा पत्थर की लीजे हैं। यहां लंबे समय से चेजा पत्थर का खनन किया जा रा है। अब लाइम स्टोन की उपलब्धता सीकर संभाग के लिए फायदेमंद होगी। लाइम स्टोन के ब्लॉक को लेकर भू-विज्ञान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट अंडर प्रोसेस है। जानकारी के अनुसार मावंडा, रामपुरा, दलपतपुरा, मीणा की नांगल, खोरा में लाइम स्टोन की खूब संभावनाएं हैं।
स्टील के उत्पादन में लाइम स्टोन का उपयोग :-
विशेषज्ञों के अनुसार लाइम स्टोन का इस्तेमाल ब्लास्ट करने में किया जाता है। इससे आयरन-ओर की अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है। लाइम स्टोन को केमिकल रिएक्शन कर फर्नेस में भेजा जाता है, जहां आयरन-ओर की अशुद्धियों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। लाइम स्टोन में सिलिका की मात्रा साढ़े तीन से साढ़े 4 प्रतिशत तक है।
खनन विभाग के अशोक वर्मा का कहना है कि भूविज्ञान विभाग ने हाल ही में क्षेत्र में एक और ब्लॉक चिन्हित किया है। जल्द ही प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। कुछ महीनों पहले भू वैज्ञानिकों ने भूदोली क्षेत्र में लाइम स्टोन का एक ब्लॉक खोजा है। इसे लेकर भू-विज्ञान केन्द्र जयपुर से विस्तृत जानकारी मांगी गई है। उसके बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेंगे। इसकी तैयारी तेजी से चल रही है।
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