फोटो : फाइल फोटो
दिल्ली , 28 दिसम्बर 2024
रिपोर्ट : एडिटर
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट राजकीय सम्मान के साथ किया । उनके पार्थिव शरीर को सेना की तोपगाड़ी पर दिल्ली के निगमबोध घाट लाया गया। यहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। इसके बाद राजकीय सम्मान के बाद अंतिम संस्कार किया ।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अन्य नेताओ ने निगम बोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
बड़ी बेटी उपिंदर सिंह (65), दूसरी बेटी दमन सिंह (61) और तीसरी बेटी अमृत सिंह (58) अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद रही।
अंतिम संस्कार के दौरान भी मनमोहन सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पगड़ी पहनाई गई। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को याद रखने के लिए उसके एक रंग को अपनी पगड़ी का सिग्नेचर कलर बना लिया था।
डॉ. मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को सुबह 9:30 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया था। इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई। राहुल गांधी पार्थिव देह के साथ गाड़ी में बैठे थे।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। दिल्ली AIIMSबुलेटिन के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कई विदेशी नेता भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। भूटान के राजा और मॉरीशस के विदेश मंत्री भी दिल्ली पहुंचे हैं। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने निगमबोध घाट पहुंचकर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्मारक पर विवाद :-
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार वहीं करने का निवेदन किया, जहां स्मारक बन सके।
इस पर गृह मंत्रालय ने कहा, ‘अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट चुना गया है। स्मारक दिल्ली में बनेगा। इसके लिए उचित जगह तलाशी जाएगी और ट्रस्ट बनेगा। प्रक्रिया में समय लगेगा।’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर पूर्व अशोक गहलोत ने कहा, ".उन्होंने आर्थिक स्थिति को मजबूत की, उदारीकरण उनकी देन है। उन्होंने सादगी भरा जीवन जिया। ऐसा व्यक्तित्व चला गया जिससे पूरा देश दुखी है।"
स्मारक के सवाल पर गहलोत ने कहा - केंद्र को आगे आकर मनमोहन सिंह के स्मारक का ऐलान करना चाहिए था, जैसा वाजपेयी जी के लिए किया था।
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