फोटो : फाइल फोटो
सीकर , 02 जनवरी 2025
रिपोर्ट : किशोर सिंह लोचिब
पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा , "ये ( सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला) कोई खैरात नहीं है, बल्कि लोगो का वर्षों का संघर्ष है। भाजपा की औकात भी नहीं जो हमसे सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला छीन ले।" डोटासरा ने कहा- हमारे संघर्ष की जीत होगी। यह संभाग और जिले वापस बनेंगे।
दरसल गुरुवार को इंडिया गठबंधन के बैनर तले सीकर में एक सभा का आयोजन किया गया है। इसमें सीकर को संभाग और नीमकाथाना को जिले का दर्जा देने की मांग को लेकर रणनीति तैयार की गई । सभा में चूरू, नीमकाथाना, झुंझुनूं के सांसद-विधायक, जनप्रतिनिधियों के साथ छात्र संगठन, बार संघ, किसान संगठन भी शामिल हुए। बैठक में शनिवार को सीकर बंद रखने की घोषणा की गई है। इसके बाद इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर तंज कसते हुए कहा- ये पर्चियों से चलने वाले लोग हैं। मंदिरों में घूमते हैं, पर्चियों से चलते हैं। हम इनके घुटने टिका देंगे और और इनसे संभाग भी लेंगे और नगर निगम भी लेंगे।
4 जनवरी को सीकर बंद का आह्वान:-
सभा में सीकर और नीमकाथाना को जिला और संभाग यथावत रखने की मांग को लेकर 4 जनवरी को सीकर बंद का आह्वान किया गया है। इसके अलावा 7 जनवरी को सीकर उपखंड कार्यालय में ज्ञापन दिया जाएगा। यह आंदोलन इंडिया गठबंधन के बैनर तले हो रहा है। वहीं, संघर्ष को संगठित करने के लिए सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला संघर्ष समिति का भी गठन किया गया है।
डोटासरा ने कहा कि हम सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले के लिए संघर्ष करेंगे। इस संघर्ष में पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। यह आंदोलन एक बड़ा जन-आंदोलन बनेगा और पूरे सीकर संभाग के लोगों की जीत होगी। यह किसी पॉलिटिकल पार्टी की जीत नहीं होगी। कांग्रेस या माकपा के लोगो का आन्दोलन नही होगा बल्कि सभी की भागीदारी होगी।
उन्होंने अमराराम की ओर इशारा करते हुए कहा- हमारा हारने का रिकॉर्ड नहीं है, यह बात तो मोदी भी जानता है। हम राजस्थान की पर्ची सरकार के घुटने टिका कर रहेंगे। डोटासरा ने कहा- यह बीजेपी वाले राइजिंग राजस्थान के नाम से हमारी जमीन बड़े-बड़े उद्योगपतियों को लुटवा रहे हैं।
ईंट का जवाब पत्थर :-
सीकर सांसद अमराराम ने इसे शेखावाटी के सम्मान पर हमला बताते हुए कहा कि सरकार ने सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला खत्म करके हमारी अस्मिता को ललकारा है। हमें इसका जवाब ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा। यह सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
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