फोटो : फाइल फोटो
अजमेर , 22 जनवरी 2025
रिपोर्ट : एडिटर
जिले में एक बारात चर्चा का विषय रही । जिसमे एक दलित दूल्हे की निकासी में बारातियों से ज्यादा संख्या पुलिसवालों की रही। जानकारी के अनुसार 20 साल पहले हुए एक विवाद के कारण दुल्हे का परिवार की और से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत कर सुरक्षा की मांग की गई थी।
किसी भी तनाव से निपटने के लिए दूल्हे विजय रैगर की निकासी 75 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में निकाली गई। मामला जिले के श्रीनगर थाना इलाके लवेरा गांव का 21 जनवरी का है।
दरअसल, 9 जुलाई 2005 में नारायण लाल रैगर की बहन सुनिता की शादी में लवेरा गांव में एक प्रभावशाली वर्ग के लोगों ने आपत्ति जताई थी। इस मसले पर विवाद गहरा गया था। उस समय भी पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे।
अतिरिक्त पुलिस जाप्ता भी तैनात किया गया था, इसके बावजूद विशेष वर्ग के दबाव में घोड़ी वाला बारात में से घोड़ी लेकर गायब हो गया था। इसके बाद बारात पुलिस जीप में दूल्हे को बैठाकर बारात निकाली गई।
ड्रोन से निगरानी :-
किसी भी तनाव या विवाद की स्थिति न हो इसलिए पुलिस द्वारा निकासी और पूरे गांव की ड्रोन से भी निगरानी की गई। करीब 20 महिला कॉन्स्टेबल को भी निकासी में तैनात किया गया था।
एडिशनल एसपी दीपक कुमार शर्मा ने मामले पर कहा कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने ग्रामीण और वर वधु पक्ष के लोगों से बात की थी।
यह तय हुआ था कि चारभुजा भगवान और देवनारायण भगवान के मंदिर के रूट पर बारात नहीं निकाली जाए और ढोल नहीं बजाए जाएंगे, जिस पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई थी।
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