फोटो : फाइल फोटो
जयपुर , 14 फरवरी 2025
रिपोर्ट : एडिटर
विधानसभा उपचुनाव के दौरान टोंक जिले के समरावता गांव में हुई हिंसा मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने नरेश मीणा की जमानत याचिका आज खारिज कर दी। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने फैसला सुनाया।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से GA-CUM-AAG राजेश चौधरी, मानवेन्द्र सिंह चौधरी, श्रीराम धाकड़ और अमन कुमार ने पैरवी की। लंबी बहस के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील डॉ. महेश शर्मा ने कहा था- स्थानीय गांव वाले तहसील मुख्यालय बदलने के लिए कई दिनों से आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने मतदान का बहिष्कार भी किया था। इस दौरान एसडीएम उनसे जबरन वोट डलवा रहे थे।
इस बात को लेकर याचिकाकर्ता की एसडीएम से धक्का-मुक्की हो गई थी। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था। घटना के बाद जो भी आगजनी हुई, उसमें याचिकाकर्ता का कोई रोल नहीं है। याचिकाकर्ता उस समय पुलिस हिरासत में था।
बता दे कि 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग को लेकर विवाद हुआ था। इसी दौरान नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। उसी रात समरावता गांव में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।
इसके बाद नगरफोर्ट थाना पुलिस ने इस मामले में FIR 167/24 दर्ज कर 14 नवंबर को नरेश मीणा को गिरफ्तार किया था। 88 दिन बाद 6 फरवरी 2025 को पुलिस ने ACJM कोर्ट उनियारा में चालान पेश किया। अब हाईकोर्ट ने मीणा की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
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