फोटो : फाइल फोटो
रोहतक , 02 मार्च 2025
रिपोर्ट : एडिटर
हरियाणा में 22 वर्षीय कांग्रेस नेत्री हिमानी नरवाल का शव रोहतक के सांपला बस स्टैंड पर एक सूटकेस में मिला है । जिसके बाद राजनितिक हलके में सियासी तूफान आ गया ।
पुलिस के मुताबिक, हिमानी 3 दिन से लापता थी और किसी शादी में गई थी। पिछले 5 महीने से हिमानी रोहतक में विजयनगर स्थित अपने पुश्तैनी मकान में अकेली रह रही थी।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "यह बहुत ही दर्दनाक घटना है। हरियाणा में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में हरियाणा देश में नंबर 1 पर है... इस घटना की जल्द से जल्द जांच होनी चाहिए। मैं पुलिस कर्मियों के संपर्क में हूं, मैंने एसपी से भी बात की है। उन्हें उम्मीद है कि शाम तक उन्हें कुछ सुराग मिल जाएंगे। मैंने उनसे कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए... जो भी हो, अगर वे दोषी हैं, तो वे दोषी हैं। चाहे पार्टी में कोई हो या बाहर का, दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। 28 फरवरी को मेरा कोई कार्यक्रम नहीं था, मैं चंडीगढ़ गया था।"
हिमानी नरवाल के भाई जतिन ने कहा , "जब तक अपराधी पकड़े नहीं जाते हम बॉडी नहीं लेंगे। आज हरियाणा में चुनाव है, आज तो प्रशासन अलर्ट पर होता है फिर भी कोई पकड़ा नहीं जा रहा है। जिस बैग में बॉडी मिली वो हमारे घर का ही है। प्रशासन साथ नहीं दे रहा है, अगर प्रशासन साथ दे रहा होगा तो अब तक अपराधी पकड़े जा चुके होते। अभी तक कांग्रेस से कोई हमसे मिलने नहीं आया। मेरे पिता की मृत्यु हो गई , भाई की हत्या हो गई और अब मेरी बहन की हत्या हो गई बस मैं और मेरी मां बचे हैं।"
मां सविता ने बताया, "चुनाव और पार्टी ने मेरी बेटी की जान ले ली। इस वजह से उसने कुछ दुश्मन बना लिए। ये (अपराधी) पार्टी से भी हो सकते हैं, उसके दोस्त भी हो सकते हैं...28 फरवरी को वह घर पर थी।.हमें पुलिस स्टेशन से (घटना के बारे में) फोन आया। मेरी बेटी आशा हुड्डा (भूपिंदर सिंह हुड्डा की पत्नी) के बहुत करीब थी, जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता, मैं उसका अंतिम संस्कार नहीं करूंगी। हम थोड़े डर में रहते थे।"
उन्होंने बताया , "मैं अपने बेटे को यहां से BSF कैंप ले गई। मेरे बड़े बेटे की 2011 में हत्या कर दी गई और हमें कभी न्याय नहीं मिला। इसलिए, मैं उसे (दूसरे बेटे को) उसकी जान बचाने के लिए BSF कैंप ले गई...चुनाव के बाद, वह पार्टी से थोड़ा निराश हो गई थी। उसने कहा कि उसे नौकरी चाहिए और वह पार्टी के लिए ज्यादा काम नहीं करना चाहती...वह पिछले 10 सालों से कांग्रेस से जुड़ी हुई थी। वह शादी करने के लिए भी राजी हो गई थी ...मैंने सुबह आशा हुड्डा को फोन किया था, लेकिन मेरा फोन रिसीव नहीं हुआ।"
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