पहलगाम हमले के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक संपन्न : सरकार ने सुरक्षा में चूक मानी, सभी दल बोले - हम सरकार के साथ , हमले में 26 टूरिस्ट की हत्या

फोटो  : फाइल फोटो

दिल्ली , 24 अप्रेल 2025        
रिपोर्ट  : एडिटर  

केंद्र सरकार ने गुरुवार को र्वदलीय बैठक में माना कि पहलगाम हमले में सुरक्षा में चूक हुई है। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मीटिंग में विपक्षी नेताओं को सुरक्षा में हुई चूक के बारे में जानकारी दी।

सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कहा, "यह बहुत दुखद घटना है... पिछले कई सालों से कश्मीर में लोग शांति से अपना व्यापार कर रहे थे, टूरिस्ट आ रहे थे, गतिविधियां चल रही थी और सब बहुत अच्छा हो रहा था... सभी राजनैतिक दलों ने अपने-अपने विचारों को रखा और एक बात सामने आई कि देश को एकजुट होकर और एक आवाज में बोलना चाहिए... सभी पार्टियों ने कहा है कि वे सरकार के साथ हैं"

सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों की ओर से सुरक्षा चूक को लेकर कई सवाल उठाए गए। विपक्ष ने पूछा, "सुरक्षा बल कहां थे? CRPF कहां थी?" इसके जवाब में सरकार ने कहा कि "स्थानीय अधिकारियों ने उस क्षेत्र को खोलने से पहले जानकारी नहीं दी, जबकि ऐसा किया जाना चाहिए था। यहां तक कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी सूचना नहीं दी गई थी। यह क्षेत्र सामान्यतः जून में अमरनाथ यात्रा के दौरान खोला जाता है, लेकिन इस बार स्थानीय टूर ऑपरेटर्स ने पहले ही इसे खोल दिया"

इसके बाद विपक्ष ने पूछा "मदद पहुंचाने में इतना समय क्यों लगा?" सरकार का जवाब था कि "वह स्थान पैदल चलकर 45 मिनट ऊपर है, वहां पहुंचने में स्वाभाविक रूप से समय लगता है और उस समय कोई SOP (मानक प्रक्रिया) लागू नहीं थी"

पहलगाम के नजदीक बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकियों ने 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी थी। इनमें एक नेपाली नागरिक शामिल था। 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "इस हादसे(पहलगाम में हुआ आतंकी हमला) में बहुत से निर्दोष लोग मारे गए हैं... हम सभी ने मिलकर कहा है कि देशहित में सरकार जो भी एक्शन लेगी हम सब एक हैं और हम उन्हें सपोर्ट करेंगे। वहां जो हादसा हुआ है, हम उसकी निंदा करते हैं... हमें देश को पैगाम देना है कि हम सब एक हैं।"

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "केंद्र सरकार उस देश के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जो आतंकी समूहों को पनाह देता है। अंतरराष्ट्रीय कानून हमें पाकिस्तान के खिलाफ आत्मरक्षा में हवाई और नौसैनिक नाकेबंदी करने और हथियारों की बिक्री पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की भी अनुमति देता है...CRPF को बैसरन मैदान में क्यों नहीं तैनात किया गया?...त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा और उन्होंने लोगों का धर्म पूछकर उन्हें गोली क्यों मारी...कश्मीरियों और कश्मीरी छात्रों के खिलाफ झूठा प्रचार बंद होना चाहिए...जिस तरह से आतंकियों ने लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या की, मैं उसकी निंदा करता हूं...यह बहुत अच्छी बात है कि सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन हम पानी कहां रखेंगे?...केंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी, हम उसका समर्थन करेंगे...यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है"

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