फोटो : फाइल फोटो
सीकर , 21 मई 2025
रिपोर्ट : किशोर सिंह लोचिब
जिले के चक गांव निवासी गीता सामोता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतेह कर इतिहास रच दिया । ऐसा करने वाली गीता केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की पहली महिला अधिकारी बन गई है। गीता उदयपुर एयरपोर्ट पर बतौर उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत है।
सीआइएसएफ के अधिकारियों के अनुसार साधारण परिवार में जन्मी सीकर जिले की गीता में बचपन से कुछ अलग करने का जज्बा था। वो कॉलेज की पढ़ाई के दौरान हॉकी खेलने लगी, लेकिन चोट लगने से उसका खेल करियर समाप्त हो गया। फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। वर्ष 2011 में सीआइएसएफ ज्वाइन किया। गीता ने माउंट एवरेस्ट पर विजय छह माह 27 दिन में पाई है।
वर्ष 2015 में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के प्रशिक्षण संस्थान में छह सप्ताह के बुनियादी पर्वतारोहण पाठ्यक्रम के लिए गीता का चयन हुआ था। इसके बाद गीता अब तक पांच दुर्गम चोटी ऑस्ट्रेलिया की माउंट कोसियस्जको, रूस की माउंट एल्ब्रस, तंजानिया की माउंट किलिमंजारो, अर्जेटीना की माउंट एकॉनकागुआ व नेपाल की माउट लोबुचे पर भी विजय प्राप्त कर चुकी है। गीता ने सबसे पहले वर्ष 2019 में उत्तराखंड की माउंट संतोपंथ की चढ़ाई पूरी की थी।
उन्हें दिल्ली महिला आयोग का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार 2023 और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का 'Giving Wings to Dreams Award 2023' मिला है। गीता का मानना है कि "पहाड़ लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करते। केवल मेहनत और जुनून शिखर तक ले जाता है।" उनकी इस उपलब्धि से प्रेरित होकर CISF ने 2026 में एवरेस्ट के लिए एक समर्पित पर्वतारोहण दल भेजने की योजना बनाई है।
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