नीमकाथाना के जंगलो में वन्यजीवों की गणना : नीमकाथाना रेंज में 12 और पाटन क्षेत्र में 10 वाटर पॉइंट बनाए गए , लेपर्ड की तस्वीरे हुई कैद

फोटो  : फाइल फोटो 

नीमकाथाना , 13 जून 2025        
रिपोर्ट  : किशोर सिंह लोचिब   

नीमकाथाना के वन क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारियो ने रात्रि को वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की। इसके लिए जिलेभर में 86 वाटर पॉइंट बनाए गए, जिनमें नीमकाथाना रेंज के 12 और पाटन क्षेत्र के 10 वाटर पॉइंट शामिल रहे।

फॉरेस्टर जगदीश शर्मा ने बताया कि प्रीतमपुरी के बबेरा श्मशान घाट क्षेत्र में एक साथ तीन लेपर्ड दिखाई दिए। जैसे ही कैमरे का फ्लैश पड़ा, पहला लेपर्ड दहाड़ते हुए भाग गया। बालेश्वर के जंगलों में एक लेपर्ड वनकर्मियों से महज 30 मीटर दूर तक पहुंचा, जिसकी तस्वीरें ट्रैप कैमरे में कैद हुई हैं।

मौके पर डीएफओ गुलझारी लाल जाट और एसीएफ (वाइल्डलाइफ) श्रवण बाजिया ने भी देर रात पहुंचकर वनकर्मियों की तैनाती और सुरक्षा उपायों का निरीक्षण किया।

बता दें कि सीकर जिले में कुल 64 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र है, जिसमें सबसे बड़ा क्षेत्र नीमकाथाना का बालेश्वर कंजर्वेशन रिजर्व है, जो 31 हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है।

DFO गुलझारीलाल जाट ने बताया कि वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीव गणना का उद्देश्य जंगल में मौजूद प्रजातियों की संख्या और मूवमेंट को समझना है, ताकि आगामी समय में वन्यजीव संरक्षण की प्रभावी नीतियां बनाई जा सकें।

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