बिजली विभाग की लापरवाही ने छिना घर का चिराग : हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आने से चार साल के बच्चे की मौत, सप्लाई बंद करवाने के लिए किए 10 से ज्यादा कॉल

फोटो  : फाइल फोटो 

झुंझुनू , 08 जुलाई 2025        
रिपोर्ट  : एडिटर 

हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आने से चार साल के बच्चे की मौत हो गई। इसकी बिजली विभाग की लापरवाही भी सामने आई है परिजनों के 10 से ज्यादा कॉल के बाद आधे घंटे बाद पावर कट किया गया। मासूम ने परिजनों के सामने दम तोड़ दिया। घटना धनुरी थाना क्षेत्र के लादूसर गांव की है।

घटना के बाद धनुरी थाना पुलिस और बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीणों ने बच्चे के शव को करीब दो घंटे तक छत से नीचे नहीं उतारा। उन्होंने बिजली विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। परिजनों ने 15 लाख का मुआवजा और बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

थानाधिकारी रामनारायण चोयल ने बताया कि छत पर खेलते बच्चे को करंट लगने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। वहां बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों से समझाइश की। जिसके बाद बच्चे के शव को मलसीसर के सरकारी हॉस्पिटल पहुंचाया। पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

मलसीसर जेईएन अनिल कुमार ने बताया कि विभाग के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिलवाया जाएगा।

ग्रामीणों के मुताबित अजीत (4) पुत्र संजय कुमार मेघवाल अपने बड़े भाई के साथ छत पर खेल रहा था। अजीत छत के पास से गुजर रही हाई वोल्टेज लाइन के तार की चपेट में आ गया। अजीत के बड़े भाई ने उसे झुलसते देखा तो परिजनों को सूचना दी। जिसके बाद परिजनों ने बिजली विभाग को 10 से ज्यादा कॉल किए

बिजली विभाग की देरी के चलते किसी ने झुलसते बच्चे के पास जाने की हिम्मत भी नहीं जुटाई, जिससे मासूम को नहीं बचाया जा सका। बच्चे के शव को परिजनों ने छत से नीचे नहीं उतारा और बिजली विभाग के खिलाफ दो घंटे तक विरोध-प्रदर्शन किया। मृतक मासूम के परिजन मजदूरी का काम करते हैं।

पिता संजय कुमार ने बताया कि बिजली लाइन को हटाने के लिए पहले तीन बार शिकायत की थी। हर बार बिजली विभाग के अधिकारी आए और देखकर चल गए, लेकिन लाइन को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर समय पर समाधान कर दिया जाता तो आज बच्चा जिंदा होता। अजीत पहले भी इसी तार से करंट की चपेट में आ चुका था। हादसे के बाद की गई शिकायत को विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया। अब हमारे घर का चिराग बुझ गया। विभाग की लापरवाही माफ नहीं की जा सकती।

बच्चे को छत पर खेलते समय 6 महीने पहले भी इसी बिजली लाइन से करंट लग गया था, लेकिन उस समय वह बच गया। हादसे के बाद ग्रामीणों ने बिजली लाइन को हटाने के लिए बिजली विभाग में शिकायत दी थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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