फोटो : फाइल फोटो
नीमकाथाना, 03 अक्टूबर 2025
रिपोर्ट : किशोर सिंह लोचिब
नीमकाथाना जिला कांग्रेस कमेटी को अपना पहला जिलाध्यक्ष जल्द मिल जायेगा । इसको लेकर काउंट डाउन शुरू हो चूका है । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नीमकाथाना जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष के चयन के लिए सूरतगढ़ से कांग्रेस विधायक डूंगर राम गैदर, पीसीसी महासचिव विशाल जांगिड और पीसीसी सचिव पीएल प्रजापति को पर्यवेक्षक बनाया है।
नीमकाथाना में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर तैयारियां जोरो पर है । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के तीनो पर्यवेक्षक शनिवार को नीमकाथाना आएंगे । यहाँ पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और इसके बाद प्रेस को संबोधित करेंगे ।
अब हम बात करते है नीमकाथाना से जिलाध्यक्ष के दावेदारों की । इससे पहले हम आपको बता दे कि नीमकाथाना प्रशासनिक तौर पर अब जिला नही है । लेकिन कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने नीमकाथाना को अपना संगठन जिला बना रखा है । कांग्रेस ने प्रदेश में 50 संगठन जिले बना रखे है । उन्ही में नीमकाथाना भी एक है ।
नीमकाथाना जिला कांग्रेस कमेटी के पहले जिलाध्यक्ष के लिए मुख्य रूप से करीब एक दर्जन दावेदार सामने आ रहे है । उनमे मुख्य रूप से बात करे तो पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रवीण जाखड़ , पूर्व प्रधान कांता प्रसाद शर्मा , पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल, पूर्व सरपंच बसंत यादव, राजपाल डोई, भूपेन्द्र सिंह मावन्डा और गिरिराज सिंह खंडेला शामिल है।
प्रवीण जाखड़ के कांग्रेस में कार्य अनुभव की बात करे तो जाखड नेशनल डेलिगेट रह चुके । इसके साथ ही राजस्थान NSUI से महासचिव , युवा कांग्रेस में प्रदेश महासचिव और पीसीसी के खेतडी विधानसभा के प्रभारी के तौर पर कार्य कर चुके ।
साथ ही कांग्रेस पार्टी स्की टिकट पर सीकर जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीत चुके। पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के नजदीकी माने जाते है । प्रवीण जाखड़ के अध्यक्ष बनने से नीमकाथाना में वर्तमान विधायक सुरेश मोदी और पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल को कोई आपत्ति नही होगी ।
पूर्व प्रधान कांता प्रसाद शर्मा
कांता प्रसाद की बात करे तो वे नीमकाथाना पंचायत समिति से प्रधान रह चुके । यही कारण है कि लोगो के द्वारा उनको प्रधान जी कहकर संबोधित किया जाता है । इसके अलावा वे पाटन पंचायत समिति सदस्य भी रह चुके । पार्टी में भी उनकी अच्छी पकड है । ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके है । साथ ही पाटन से सरपंच भी रह चुके है ।
शर्मा वर्तमान में वे पीसीसी के सदस्य है । कांता प्रसाद का पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा आदर और सम्मान करते है । उनके नाम पर वर्तमान विधायक सुरेश मोदी और पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल को कोई आपत्ति नही होगी । इसके साथ ही श्रीमाधोपुर और खंडेला को भी कोई आपत्ति नही होगी ।
पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल :-
नीमकाथाना से पूर्व विधायक और पीसीसी उपाध्यक्ष रमेश खंडेलवाल भी नीमकाथाना जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष के दावेदारों में शामिल है । रमेश खंडेलवाल पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के बहुत ही करीबी माने जाते है ।
माना जा रहा है कि अगर किसी को कोई आपत्ति नही हो तो उनका जिला अध्यक्ष बनना लगभग तय ही माना जाए लेकिन उनके नाम पर नीमकाथाना कांग्रेस में सहमति बनना शायद ही संभव हो । क्योंकि नीमकाथाना कांग्रेस को में दो गुट माने जाते है और दोनों कभी एक साथ आए यह भी शायद ही संभव है । इसलिए अगर आम सहमति से जिलाध्यक्ष का नाम तय होगा तो कांग्रेस में आम सहमति शायद ही सम्भव हो ।
इसके साथ ही अगर कांग्रेस गुर्जर वोट बैंक को देखती है तो राजपाल डोई भी दावेदारों में शामिल है । डोई लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में प्रभारीऔर संविधान बचाओ रैली में श्रीमाधोपुर अजीतगढ़ के प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल चुके है । उनकी पारिवारिक पृष्ठ भूमि भी कांग्रेस की रही है ।
इसके अलावा बंसंत यादव और खंडेला से गिरिराज सिंह का नाम भी इस सूची में शामिल है । दोनों को ही कांग्रेस पार्टी में अच्छा खासा अनुभव है । लेकिन सबसे बड़ा पेंच जातिगत और वोट बैंक में फंसा हुआ । इसके साथ ही तीनो विधानसभा के नेताओ की सहमति भी जरुरी है ।
सभी दांव पेंच को देखा जाये तो कांता प्रसाद और प्रवीण जाखड का नाम सबसे आगे आता है । इन दोनों नामो पर कोई आपत्ति नही होगी । अगर राहुल गाँधी के मोडल को लागु किया जाता है तो प्रवीण जाखड का नाम सबसे आगे हो जाता है । लेकिन अनुभव की बात आए तो कांता प्रसाद का नाम आगे हो जाता है ।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस में दोनों ही उम्मीदवार प्रबल दावेदार है । लेकिन इसमें बड़ी बात यह रहेगी कि सीकर और नीमकाथाना में से सिर्फ एक ही जगह जाट अध्यक्ष रहेगा । यानि नीमकाथाना में सामान्य या ओबीसी चेहरा ही जिला अध्यक्ष बनेगा लेकिन सीकर में ओबीसी तो नीमकाथाना में सामान्य और सीकर में सामान्य तो नीमकाथाना में ओबीसी जिलाध्यक्ष रहेगा । अब देखना है कि तीनो विधानसभाओ के नेताओ के बीच किस नाम पर सहमति बनेगी ।
नोट - ये आंकड़े aicc और पीसीसी सदस्यों से जुटाई गई जानकारी के आधार पर है ।
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