फोटो : फाइल फोटो
भोपाल, 22 नवंबर 2025
रिपोर्ट : एडिटर
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद पहली बार सार्वजनिक भाषण दिया । जिसमे उन्होंने मैसेज देते हुए नेरेटिव के चक्रव्यूह में फंसने से बचने की दी सलाह। कहा - चक्रव्यूह में कोई फंस गया तो निकलना मुश्किल है ।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भोपाल में शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी सदस्य मनमोहन वैद्य द्वारा लिखित पुस्तक 'हम और यह विश्व' के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। देश के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद यह पहली बार था जब जगदीप धनखड़ इस तरह के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए।
भोपाल में आयोजित कार्यकम में कहा कि भगवान करे कोई नेरेटिव के चक्कर में न फंस जाए। उन्होंने कहा कि इस चक्रव्यूह में कोई फंस गया तो निकलना बड़ा मुश्किल है, मैं अपना उदाहरण नहीं दे रहा हूं। इस दौरान पूरा सभागार ठहाकों से गूंज उठता है और धनखड़ के चेहरे पर भी मुस्कान तैर जाती है।
धनखड़ ने कहा -आज के समय में लोग नैतिकता और आध्यात्मिकता से दूर होते जा रहे हैं। 'मैं फ्लाइट पकड़ने की चिंता से अपने कर्तव्य को नहीं छोड़ सकता'। मेरा हाल का अतीत इसका सबूत है।
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