सरकार ने कहा - नाबालिग के विवाह को शून्यकरणीय विवाह माना गया है : प्रेम विवाह से पहले माता—पिता से अनुमति का कानून नहीं बनाएगी सरकार, भजनलाल सरकार ने दिया ये तर्क

फोटो  :फाइल फोटो 

जयपुर , 24 जुलाई 2024

प्रेम विवाह से पहले लड़का या लड़की के अपने माता-पिता की परमिशन लेने को अनिवार्य करने का कानून बनाने की कांग्रेस विधायक पूसाराम गोदारा की मांग पर सरकार ने कानून बनाने से इंकार कर दिया है।

सरकार की तरफ से कहा गया - जब दो वयस्क लड़का या लड़की एक बार अपनी सहमति से शादी के बंधन में बंध जाते हैं तो परिवार, समुदाय या कबीले किसी की जरूरत नहीं है, दोनों की सहमति को पवित्रता से प्रधानता दी जानी चाहिए।

दरसल प्रदेश में प्रेम विवाह से पूर्व माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने क्र लिए ठोस कानून बनाये जाने के संबंध में कांग्रेस विधायक पूसाराम गोदारा ने विशेष प्रस्ताव दिया था जिसका जवाब देते हुए सरकार की तरफ से उपरोक्त बात कही गयी ।

सरकार की तरफ से कहा गया कि जहां तक नाबालिग या विवाहित लड़के-लड़कियों के द्वारा अपनी मर्जी या किसी के बहकावे में आकर घर छोड़कर भाग जाने से परिवारों व संबंधित समाज पर हो रहे दुष्प्रभाव का बिन्दु है, विवाह संबंधी विद्यमान कानूनों में नाबालिग के विवाह को शून्यकरणीय (Voidable) विवाह माना गया है। लेकिन सरकार की तरफ से कहा गया कि जहां दो वयस्क लड़का-लड़की परस्पर विवाह करते हैं और विवाह की वैद्य शर्तें पूरी करते हैं वहां उनके माता-पिता की सहमति लिये जाने का किसी कानून में प्रावधान नहीं है।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि उच्चतम न्यायालय ने भी यह स्पष्ट किया है कि जब तक एक बार दो वयस्क लड़का-लड़की शादी के बंधन में बंधने को सहमत हो जाते हैं तो परिवार की, समुदाय की, कबीला की सहमति की आवश्यकता नहीं है, दोनों वयस्क की सहमति को पवित्रता से प्रधानता दी जानी चाहिए। इस विधिक स्थिति में, प्रेम विवाह से पहले माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने व भागने व भगाकर ले जाने वालों के खिलाफ विधि बनाने का कोई अभी तक प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

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