छात्र नेताओ में जगी उम्मीद की किरण , राजस्थान में होंगे छात्रसंघ चुनाव ! : उच्च शिक्षा विभाग के वार्षिक कैलेंडर में छात्रसंघ चुनाव और कार्यालय उद्घाटन का किया जिक्र, फिर आगे ये तर्क भी

फोटो  :फाइल फोटो 

जयपुर , 25 जुलाई 2024

राजस्थान में छात्र संघ चुनाव के लिए संघर्ष कर रहे छात्र नेताओ की मेहनत रंग लाती हुई दिख रही है। राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी वार्षिक कैलेंडर में छात्रसंघ चुनाव और कार्यालय उद्घाटन का जिक्र किया गया है। इसके बाद चुनाव का इंतजार कर रहे छात्र नेताओं में खुशी की लहर दौड़ गई।

गुरुवार को राज भवन के अनुमोदन के बाद छात्रसंघ चुनावों को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा कैलेंडर जारी किया गया है। हालांकि, कैलेंडर में यह भी इंगित किया गया है कि राज्य सरकार के नोटिफिकेशन के बाद ही चुनाव हो पाएंगे

दरसल उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सामान मॉडल एकेडमी एवं अवकाश कैलेंडर जारी किया गया है। इस कैलेंडर में राजस्थान में जुलाई से सितंबर महीने के बीच छात्र संघ चुनाव और कार्यालय उद्घाटन का जिक्र किया गया है। इसके बाद छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्र नेताओं ने सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर की है। उच्च शिक्षा विभाग ने एकेडमिक कैलेंडर में एडमिशन से लेकर रिजल्ट तक के प्रारूप की जानकारी दी है ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है। कि राजस्थान सरकार जल्द चुनाव को लेकर सकारात्मक फैसला कर सकती है।

बता दे कि राजस्थान की पूर्व कांग्रेस सरकार ने पिछले साल छात्र संघ चुनाव स्थगित कर दिए थे। इसके बाद प्रदेशभर में युवाओं में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस साल भी छात्र संघ चुनाव को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। लेकिन प्रदेशभर में चुनाव की मांग को लेकर छात्र नेताओं खोल रखा है। ऐसे में जल्द ही सरकार चुनाव को लेकर अंतिम फैसला कर सकती है।

सभी छात्र संगठन एक राह पर :-

चुनाव को लेकर सभी छात्र संघठन एक सुर में हुंकार भर रहे है । भारतीय जनता पार्टी की स्टूडेंट इकाई ABVP भी अन्य छात्र संगठनो की तरह ही चुनाव की मांग कर रही है । अनेक छात्र नेताओ ने भजनलाल सरकार को अल्टीमेटम दे रखा है कि छात्र संघ चुनाव नही करवाए गए तो सरकार को उप चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि आज युवा वोटर ज्यादा है । इतना ही नही हर युवा वोटर बूथ पर भी जाता है । ऐसे में सरकार युवाओ से नाराजगी मोल नही लेना चाहती है

हालंकि दूसरा पहलु ये भी है कि प्रदेश के ज्यादाकर विश्वविद्यालय में NSUI , SFI और निर्दलियो का कब्ज़ा रहता है । ABVP को मायूसी का सामना ही करना पड़ता है । जिसका सीधा असर ये होता है कि पंचायत से लेकर विधानसभा - लोकसभा चुनाव में गलत इमेज बनती है

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