फोटो :फाइल फोटो
जयपुर , 27 जुलाई 2024
राजस्थान विधानसभा में शनिवार को स्कूली छात्रो की युवा संसद आयोजित हुई । युवा संसद में स्टूडेंट्स ने पेपर लीक, कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड के मामलों में लचर सिस्टम पर जमकर आक्रोश जताया। छात्रों ने कोचिंग संस्थाओं के कामकाज के तरीकों और स्टूडेंट के बीच बढ़ते डिप्रेशन पर चिंता जताई।
विधानसभा में युवा संसद के दौरान तेजस वशिष्ट ने कोचिंग सेंटर्स में स्टूडेंट्स के साथ हो रहे भेदभाव पर बड़ा तंज कसा है। तेजस ने कहा - नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि वापस युवा अवस्था में आते, लोग कहते हैं कि काश, हम बच्चे होते तो खेल कूद पाते। लेकिन, आज 56% बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो चुके हैं।
उन्होंने कहा -स्टूडेंट्स कोचिंग सेंटर में समान फीस भरते हैं। लेकिन, एक तो टॉप बैच और एक और लोअर बैच मिलता है। क्या ये भेदभाव नहीं है ? इससे 60 प्रतिशत बच्चों के पास मेंटल हेल्थ सपोर्ट नाम की चीज ही नहीं है। क्या यह चिंता की बात नहीं है ?
साथ ही नीट पेपर लीक से लेकर सिस्टम की खामियों पर जमकर तंज कसे। नीट पर NTA को लोकसभा में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री क्लीन चिट देदी थी । जिसकी नाराजगी छात्रो में साफ देखने को मिली । कोचिंग पर एक छात्रा ने कहा- हम अंधे की लाठी की जगह खुद अंधे बन गए हैं। दूसरी छात्रा ने कहा- सरकार पर लोगों का विश्वास नहीं है। इतने स्कैम (घोटाले) हैं कि एक वेब सीरीज बन जाए।
छात्रा सौम्या सिंह भदौरिया ने कहा- आज कोचिंग संस्थान क्यों पनप गए, हमारी शिक्षा व्यवस्था की नाकामी के कारण पनप गए हैं। जेईई परीक्षा के लिए कहा जाता है कि एनसीईआरटी सिलेबस पर आधारित है। लेकिन ऐसा है नहीं। बच्चों को उसके बारे में स्कूलों में कहां तैयार किया जाता है।
छात्रा श्रेया मुखर्जी ने कोचिंग संस्थानों पर सवाल उठाते हुए कहा- नियमों की बर्बादी हो चुकी है। नियमों के अनुसार 16 साल से कम आयु के बच्चे को कोचिंग में नहीं ले सकते। यहां तो आईआईटी की तैयारी छठी क्लास से ही कोचिंग में शुरू कर देता है।
दो कोचिंग वाले एक ही बच्चे का क्रेडिट लेते हैं। तीन विज्ञापनों में एक ही बच्चे के सिलेक्शन का दाव करते हैं। बच्चों में कॉम्पिटिशन की आग जला दी है। सवाल यह नहीं है कि आग किसने जलाई। सवाल यह है कि कोचिंग के हाथ तीली किसने दी। हालत यह है कि हम बच्चों की मौत सह लेंगे, लेकिन सिस्टम नहीं सुधारेंगे? एनटीए का असली चेहरा सह लेंगे, लेकिन सिस्टम वही रहेगा।
बता दे कि प्रश्नकाल में छात्रों ने विधायकों की तरह ही सवाल पूछे। उसी तर्ज पर मंत्री की भूमिका निभाने वाले छात्रों ने जवाब दिए। इसके बाद कोचिंग पर रेगुलेटरी बॉडी बनाने को लेकर प्रस्ताव पर बहस हुई। बहस में देशभर से आए स्टूडेंट्स ने कोटा में कोचिंग स्टूडेंट की सुसाइड पर नाराजगी जाहिर करते हुए सिस्टम की खामियां सुधारने का सुझाव दिया।
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